KORBA कालाबाजारी छत्तीसगढ़ जर्दा, गुटखा, गुड़ाखू-बीड़ी, सिगरेट, तम्बाखू की कालाबाजारी का रोड मैप तैयार, यहां कोविड 19 प्रोटोकॉल का नहीं होता पालन Markanday Mishra July 18, 2020 कोरबा 18 जुलाई। शहर में कोरोना वायरस के चलते लॉक डाउन की आशंका ने एक बार फिर कालाबाजारी का दरवाजा खोल दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज हुई उच्च स्तरीय बैठक का फैसला आने से पहले ही पान मसाला और बीड़ी सिगरेट गुटका के थोक व्यापारियों ने अपनी दुकानों का शटर गिरा दिया। वही ठेलों और छोटी दुकानों में जर्दा गुटखा पान मसाला सिगरेट और बीड़ी के दर में बढ़ोतरी कर दी गई है।छत्तीसगढ़ में अनलॉक दो के दौरान कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में भारी उछाल आया है। दिन-ब-दिन बिगड़ते हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज शाम अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियो के साथ एकाएक बैठक कर पहले ही लोगों को सशंकित कर दिया था कि हो ना हो कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण प्रदेश में एक बार फिर पूर्ण लाकडाउन घोषित की जा सकती है। मुनाफाखोरी की ताक में बैठे चुनिंदा व्यापारियों के लिए इतना ही काफी था। उन्होंने तत्काल थोक का कारोबार बंद कर दिया। बड़ी दुकानों के बंद होने की खबर शहर में आग की तरह फैल गई और इसके साथ ही छोटे दुकानदार और ठेला गुमटी वालों ने जर्दा गुटखा पान मसाला बीड़ी सिगरेट और गुड़ाखू आदि के भाव हाथों हाथ बढ़ा दिए। यहां उल्लेख करना होगा कि इससे पहले लागू लॉकडाउन में इन्हीं व्यापारियों ने भारी मुनाफाखोरी की थी। उस समय ₹10 का गुड़ाखू एक सौ रुपए तक में बिका था। बीड़ी सिगरेट के दाम में भी 200 से 300 फीसदी तक बढ़ोतरी की गई थी। प्रशासन ने कालाबाजारी पर रोक के लिए कई घोषणाएं की थी लेकिन सच तो यह है कि इन नशे की लत के सामानों की ब्लैक मार्केटिंग तो छोड़िए जीवनोपयोगी अति आवश्यक खाद्य पदार्थों की भी पूरे जिले में बड़े पैमाने पर तीन माह तक लगातार कालाबाजारी और मुनाफाखोरी होती रही। जन चर्चाओं पर यकीन किया जाए तो जिले में कालाबाजारी रोकने के लिए अधिकृत अमला के लिए यह एक सुनहरा अवसर साबित हुआ था। दिखावे के लिए तो छापामार कार्यवाही करना और बाद में लीपापोती कर देना आम बात हो गई थी। लॉक डाउन के दौरान अकेले जर्दा गुड़ाखू पान मसाला और बीड़ी सिगरेट के थोक विक्रेताओं ने लाखों नहीं बल्कि करोड़ों रुपयों का मुनाफा कमाया। कहना ना होगा की अपने इसी अनुभव से सबक लेते हुए मुनाफाखोरी की नियत से अनेक थोक विक्रेताओं ने राज्य सरकार की ओर से कोई भी निर्णय लेने से पहले ही काला बाजारी की पृष्ठभूमि, अपनी दुकानें बंद कर तैयार कर ली।यहां उल्लेखनीय है कि समूचे कोरोना काल में जिले में कोविड-19 के गाइडलाइन का लगातार उल्लंघन होता रहा लेकिन जिला प्रशासन अथवा पुलिस विभाग ने कभी कोई कड़ा कदम नहीं उठाया। अनलॉक की प्रक्रिया प्रारंभ होने के साथ ही पूरा शहर अनियंत्रित हो गया है। 90 फ़ीसदी लोग शहर की सड़कों दुकानों और बाजारों में बिना मास्क के घूमते हुए कभी भी देखे जा सकते हैं। अगर जिले में ऐसी ही लचर व्यवस्था बनी रहती है तो यहां कोरोना संक्रमण फैलने से कोई नहीं रोक सकता। Spread the word Post Navigation Previous गोबर खरीदी का रखा जाएगा पूरा हिसाब, लापरवाही बर्दाश्त नहीं, हरेली त्यौहार से शुरू होगी योजना, कलेक्टर ने की तैयारियों की समीक्षाNext यहां आबकारी महिला सब इंस्पेक्टर की हो गई पिटाई, पुलिस ने दर्ज किया अपराध Related Articles कोरबा छत्तीसगढ़ बिलासपुर संभागायुक्त ने कोसाबाड़ी जोन में आयोजित जनसमस्या निवारण शिविर का किया निरीक्षण Admin December 22, 2024 कोरबा छत्तीसगढ़ बोर्ड के प्रैक्टिकल एग्जाम 10 जनवरी से Admin December 22, 2024 कोरबा छत्तीसगढ़ रायगढ़ में प्रांत स्तरीय शिक्षक सम्मेलन 27 को, जिले से शामिल होंगे 80 शिक्षक Admin December 22, 2024