राहुल गांधी के छत्तीसगढ़ दौरे का रोडमैप तैयार
रायपुर 13 सितम्बर। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के छत्तीसगढ़ दौरे का प्रदेश कांग्रेस ने पूरा रोडमैप तैयार कर लिया है। राहुल गांधी के छत्तीसगढ़ दौरे को लेकर तैयार किए गए इस रोडमैप के मुताबिक तीन दिन का दौरा प्रस्तावित है। तीन दिन के इस प्रस्तावित दौरे में राहुल गांधी बस्तर से लेकर सरगुजा तक का सफर करेंगे। इस दौरान उन्हें 22 स्थानों पर ले जाकर दिखाया जाएगा कि कैसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में नवा छत्तीसगढ़ गढ़ा जा रहा है। बस्तर में उन्हें वनवासी कल्याण और विकास की तस्वीर दिखाई जाएगी। सरगुजा संभाग महिला सशक्तिकरण व पर्यटन विकास व बिलासपुर में परंरपरागत उद्योग के संरक्षण और विकास दिखाया जाएगा।
प्रदेश कांग्रेस की तरफ से इसका विस्तृत प्रस्ताव राहुल गांधी के कार्यालय को भेज दिया गया है, लेकिन सुरक्षा व अन्य कारणों से इसे गोपनीय रखा जा रहा है। मीडिया से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केवल इतना बताया कि तीन दिन के दौरे का प्रस्ताव भेजा गया है। अब वहां से तारीख तय होने का इंतजार है। इधर, पार्टी संगठन के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार राहुल गांधी को जिन 22 स्थानों पर ले जाने की योजना है, उनमें बस्तर और सरगुजा संभाग के 10-10 और बिलासपुर संभाग में दो स्थान शामिल हैं।
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से छत्तीसगढ़ के किसान की मुलाकात पर भाजपा के आरोपों पर कांग्रेस ने पलटवार किया है। कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि किसान अगर माता के दर्शन करने के दौरान राहुल गांधी से मिल लेता है, तो भाजपा नेताओं को क्यों दर्द हो रहा है। किसान अगर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की योजनाओं की तारीफ करता है, तो यह बताता है कि प्रदेश में विकास हो रहा है। देश में भूपेश बघेल के काम और पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह की नाकामियों की चर्चा हो रही है। भाजपा पहले ही गंगाजल की आड़ में झूठ की राजनीति कर रही है। अब माता वैष्णो देवी के दर्शनार्थी किसान के यात्रा पर सवाल उठा रही है।बघेल सरकार के किसान हितैषी, मजदूरी हितैषी, गोपालक और पशुधन हितैषी योजना से व्यक्ति का विकास हो रहा है। छत्तीसगढ़ तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है, जिसकी तारीफ देश विदेश में हो रही है। पूर्व के रमन सरकार ने 15 साल में कमीशनखोरी, भ्रष्टाचार, नान घोटाला, डीकेएस घोटाला और पनामा पेपर्स कांड हुआ। किसानों की आत्महत्या की घटनाएं हुई। भाजपा सरकार की लपरवाही के चलते चार विकासखंड में सीमित नक्सलवाद 14 जिलों तक पहुंच गया।