December 23, 2024

उत्पाती हाथियों पर वन विभाग का नियंत्रण नहीं, ग्रामीणों ने फारेस्ट अमले को घेरा

कोरबा 13 सितंबर। वन मंडल कटघोरा के पसान रेंज में मौजूद उत्पाती हाथियों को वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा नियंत्रित करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है लेकिन इसमें सफलता नहीं मिल पा रही है। हाथी लगातार उत्पात मचाकर ग्रामीणों के घर तोड़ रहे हैं और फसलों को भी तहस-नहस कर रहे है, जिससे उनकी मेहनतों पर पानी फिर जा रहा है। इससे ग्रामीण काफी आक्रोशित हैं। आक्रोशित ग्रामिणों ने अपना गुस्सा वन विभाग पर उतारना शुरू कर दिया है।

बीती रात हाथियों के उत्पात जारी रहने तथा इसे रोकने व खदेडऩे के लिए ठोस उपाय नहीं किये जाने का आरोप लगाते हुए आमबहरा के ग्रामीणों ने फारेस्ट विभाग के बोलेरो वाहन को घेर लिया तथा उसमे सवार वनकर्मियों को नीचे उतारकर काफी खरीखोटी सुनाते हुए अपना गुस्सा उतारा। बड़ी संख्या में मौजूद गांव की महिलाओं एवं पुरूषो ने वाहन को लगभग दो घंटे तक घेरे रखा। वनकर्मियों द्वारा समझाए जाने पर दो घंटे बाद ग्रामीण शांत हुए और माने तब वन अमले ने आगे जाकर उत्पात मचा रहे हाथियों को खदेड़ा। इससे पहले गांव के सूनसान इलाके में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराया। दरअसल 35 हाथियों के दल के आमबहरा व खालबहरा क्षेत्र में होने की सूचना मिलने पर वन विभाग का अमला रात्रि 9.30 बजे वाहन पर सवार होकर मौके पर जा रहा थाए तभी आमबहरा के पास ग्रामीणों ने उनके वाहन को रोक लिया तथा 2 घंटे तक घेरे में रखकर आगे नहीं जाने दिया।

वन कर्मियों के समय पर नहीं पहुंचने से हाथियों ने उत्पात मचाते हुए यहां अनेक ग्रामीणों की फसल रौंद दी। हाथियों द्वारा फसल रौंदे जाने से ग्रामीणों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। आज सुबह वन विभाग के कर्मचारी फिर गांव पहुंचे और नुकसानी का आंकलन करने के साथ ही रिपोर्ट तैयार की। इस बीच कोरबा वनमंडल के पसरखेत रेंज में पहुंचे 10 हाथियों का दल वापस लौट कर कुदमुरा रेंज की सीमा में प्रवेश कर गया। हाथियों के दल को ग्रामीणों ने यहां के जंगल में विचरण करते हुए देखा और इसकी सूचना कुदमुरा रेंजर को दी। जिस पर रेंजर के निर्देश पर वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचकर हाथियों की निगरानी में जुट गए है। वन विभाग द्वारा हाथियों के आगमन की सूचना ग्रामीणों को देते हुए उन्हें जंगल न जाने की सलाह दी जा रही है।

फिलहाल कटघोरा डिविजन के अंतर्गत कई क्षेत्रों में 42 के आसपास हाथी सक्रिय हैं। किसानों के द्वारा लगाई गई फसलें उनके निशाने पर हैं। स्वभावगत कारणों से हाथी और दूसरे जानवर ऐसी हरकतें करते ही हैं। ऐसे मामलों में किसानों को हो रहे नुकसान के लिए उन्हें मुआवजा देने का काम आपदा मद से जारी है। वन विभाग की प्राथमिकता इस बात की है कि हाथियों को रिहायशी क्षेत्र में प्रवेश करने से रोका जाए।

Spread the word