November 21, 2024

कुसमुण्डा परियोजना में 40 लाख टन कोयला अफरा-तफरी की चर्चा, 1200 ट्रक गिट्टी का भी किया गया घोटाला ?

कोरबा 26 सितम्बर। साऊथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की कुसमुण्डा परियोजना में चालीस लाख टन कोयले की अफरा-तफरी और 1200 ट्रक गिट्टी के फ र्जी सप्ताई की सरगर्म चर्चा है। एसईसीएल के डायरेक्टर टेक्नीकल बीते एक सप्ताह से कु समुण्डा में डेरा डाले हुए हैं, जबकि कोल इण्डिया के डायरेक्टर टेक्नीक ल के भी रविवार को कुसमुण्डा आने की चर्चा है।

जानकारी के अनुसार एसईसीएल की कुसमुण्डा परियोजना में 40 लाख टन कोयला का स्टाक रिकार्ड में बताया जा रहा है। जबकि खदान में कोयले का स्टाक पूरी तरह खत्म हो चुका है। कहा जा रहा है, कि कोयला उपलब्ध नहीं होने के कारण ही डी.ओ. होल्डर को शुक्रवार से कोयले की आपूर्ति बंद कर दी गयी है। कोयले की आपूर्ति बंद करने की मुख्य वजह कोयला उपलब्ध नहीं होना बताया जा रहा है।

दूसरी ओर कुसमुण्डा खदान से कोयला की आपूर्ति बंद करने की पुष्टि प्रबंधन के एक आदेश से हो रही है। कुसमुण्डा परियोजना के नोडल अधिकारी ने पत्र क्रमांक-रोड सेल /21-22/407 दि. 23/09/2021 के जरिये सभी डी.ओ. प्रतिनिधियों को सूचित किया है कि रोड की गाड़ियों का परिवहन 23 सितंबर की रात 11.59 बजे से आगामी आदेश तक बंद रहेगा। पत्र में रोडसेल बंद करने का कारण भारी बारिश और कोयला खदान से रेल्वे सायडिंग तक की सड़क क ा बुरी तरह क्षतिग्रस्त होना बताया गया है। पत्र में कहा गया है कि सिविल विभाग द्वारा रोड का मरम्मत किया जाना है, जिसके कारण रोड सेल बंद किया जा रहा है और कार्य पूर्ण होने के बाद पुनः प्रारंभ किया जायेगा। हालांकि एसईसीएल मार्ग खराब होने के कारण रोड सेल बंद करना बता रहा है, लेकिन अन्य सूत्र इसका कारण कोयले की अनुपलब्धता बता रहे हैं। उनका दावा है कि कुसमुण्डा में कागज में तो चार मिलियन (40 लाख) टन कोयला उपलब्ध है, लेकिन फील्ड में कोयला ही नहीं है।

कुसमुण्डा क्षेत्र मे व्याप्त एक अन्य चर्चा के अनुसार पिछले तीन माह के दौरान एक हजार दो सौ (1200) ट्रक गिट्टी की सप्लाई खदान क्षेत्र की सड़कों की मरम्मत के लिए किये गये हैं। गिट्टी का भुगतान भी कर दिया गया है। चर्चा है कि खदान क्षेत्र में यह गिट्टी आई ही नहीं है और फर्जी बिल लगाकर भुगतान किया-कराया गया है। इस बात की जानकारी उच्च प्रबंधन को होने के बाद मामले की जांच कराई जा रही है। खदान क्षेत्र की सड़क मरम्मत में किये गये उक्त कथित कार्य की सच्चाई की चुगली तीन दिन पहले खस्ताहाल सड़कों का ही हवाला देकर रोड सेल बंद करने का मामला भी कर रहा है।

चर्चा तो यह भी है कि पिछले एक वर्ष से कुसमुण्डा परियोजना में बार-बार हो रही आगजनी की घटना भी घपले-घोटालों के कारण हो रही है। कहा जा रहा है कि डोजर-डम्फर आदि के टायर सप्लाई में भी करोड़ों का घोटाला गत एक वर्ष के भीतर किया गया है। बिना सप्लाई किये ही करोड़ों का भुगतान हो गया है और रिप्लेस किये गये सामानों के आगजनी में नष्ट हो जाने का बहाना बनाकर रिकार्ड दुरूस्त कर लिया गया है। सूत्रों की मानें तो कुसमुण्डा परियोजना में व्याप्त गंभीर घोटालों के कारण ही एक सप्ताह से डायरेक्टर टेक्नीकल वहां डेरा डाले हुए हैं। कुसमुण्डा की शोहरत अब कोल इण्डिया तक भी पहुंच गयी है और इसी वजह से कोल इण्डिया के डायरेक्टर टेक्नीकल के कुसमुण्डा आने की चर्चा है।

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