छत्तीसगढ़ साहित्य सरिता सिंह की कविताएं…..…. Markanday Mishra July 20, 2020 बारिशगिरते बारिश की गति और धरती सेउसका ताल मिलानाअभी रूकोओ बारिश……धरती के तपन काजायजा लेना बाकी हैबाकी हैं मिट्टी का भीगनापत्तो का हरियानाबाकी हैं डाल में बैठकोयल का गुनगुनाऔरमेरी अँजुरी भरपानी का होना…………………………………………छोटी बूँदे बरसात कीछोटी-छोटी बूँदे बरसात कीभरोसा हैंमिट्टी काबीज काभरोसा ही दिलायेगा उसेपौधें से पेड बनने कासाहस…..………………………………..अभी जबजब धान पक रहा होगाबालियों के बीचजब मचान में बैठा किसानअगंडाई ले खेतो को निहारेगाजब नदी के घाट परमटकी टकरायेगी पानी सेजब गहरी नींद से जागेगासोमारू और याद करेगा पेड परलटके गुलेल.कोजब धरतीउठ चुकी हैं पूरे असबाब के साथउठो तुम भी… हाँ उठोअपने होने के संपूर्णएहसास के साथ ।………………………………………………वेगपूरे वेग में बह रही हैंइंद्रावतीआज गई हैंतुम्हारे व्दारहिसाब माँगनेनालोके विषाक्त कचडों काघाटो के अतिक्रमण कापानी में हुये कर्मकांडों काविकास नाम पर कटे पेड़ो कासुनों……क्यो मुँह छिपा, चढे बैठोहोअटारी में………………………………………………….कांधों के बीचजिंदगी के कशमकशके बीचथोड़ी सी जगह बचाना होगामनुष्यता के लिएये वो जगह हैजहां से लंबी सड़केंनाप रहे होते हैंपैर, छालों के साथऔर कांधो के बीचोंबीच लटकी मुनियाउसे फिर भी रुकने नहीं देती !……………………………………..सरिता सिंहबंद टाकीज के सामने, जगदलपुर, बस्तर, छत्तीसगढ़ Spread the word Continue Reading Previous सावधान! मुंगेली कलेक्टर ने जारी किया ये आदेश, हो जाएं सब सतर्कNext महानदी मंत्रालय और इन्द्रावती संचालनालय में 22 से 28 जुलाई तक कम्पलीट लॉक डाउन……….. Related Articles कोरबा छत्तीसगढ़ देव-दीपावली हसदेव की महाआरती 15 नवंबर को Admin November 13, 2024 कोरबा छत्तीसगढ़ बालको खेलों को बढ़ावा देने के लिए सदैव रहा अग्रणी Admin November 9, 2024 कोरबा छत्तीसगढ़ एकजुटता से प्रगति पथ अग्रसर बालको – निर्मलेंदु Admin November 3, 2024