छत्तीसगढ़: नेतृत्व परिवर्तन की खबरों को मिला फिर आक्सीजन
रायपुर 29 सितम्बर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के बृहस्पति सिंह समेत एक दर्जन विधायक अचानक आज दिल्ली पहुंच गए। सभी दिल्ली के एक होटल में ठहरे हुए हैं। उनके इस प्रवास को प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर जारी रस्साकशी से जोड़कर देखा जा रहा है।
खबर है कि ये सभी विधायक प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पी एल पुनिया से मुलाकात करेंगे। इस दौरे से प्रदेश में कैबिनेट में बदलाव या नेतृत्व परिवर्तन की बातें फिर से शुरू हो गई हैं। विधायकों के इस कदर दिल्ली कूच के मायने निकाले जा रहे हैं।
इस मामले पर बुधवार शाम पत्रकारों ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से भी सवाल किया। उनसे पूछा- विधायक वहां जाकर प्रदेश के सियासी हाल और विकास के कामों की चर्चा का दावा कर रहे हैं। सिंहदेव बोले, ‘हम सब जानते हैं कि छत्तीसगढ़ की राजनीति में क्या चर्चाएं हो रही हैं। बदलाव की बात है तो ये हो सकता है या नहीं, ये देखना होगा। मगर यह बात अब खुल गई है।’
उन्होंने कहा, ‘पिछली बार भी जब विधायक वहां गए तो बात खुल गई। हो सकता है इसी को लेकर वे अपनी बात रखने गए हों। भले ही वो कह रहे हों कि विकास दिखाने का आमंत्रण देने गए हैं, लेकिन यह दायित्व मुख्यमंत्री से ऊपर किसी का नहीं है। अब मैं जाकर कहूं कि आइए हमारे यहां तो वो कहेंगे ठीक है। इस पर मुख्यमंत्री से बात करेंगे।’
दरअसल, पिछले दौरे को लेकर मीडिया के सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत तमाम नेताओं ने कह दिया था कि विधायक दिल्ली के राष्ट्रीय नेताओं को प्रदेश में हो रहे अच्छे कामों को दिखाने के लिए निमंत्रण देने गए थे। इस बार भी दबी जुबान में मीडिया तक यही मैसेज देने का प्रयास किया जा रहा है।
कांग्रेस पार्टी एक खुला मंच
टी एस सिंहदेव ने कहा- कांग्रेस पार्टी एक खुला मंच है। लीडरशिप समय- समय पर परिस्थिति के अनुसार समय देता है। अगर यहां से कुछ लोग जाकर मिलना चाहते हैं। अगर उन्हें समय मिलेगा तो जरूर मुलाकात होगी। हालांकि उन्होंने फिलहाल खुद दिल्ली जाने से इनकार कर दिया है। दर्जन भर विधायकों और दो मंत्रियों के दिल्ली पहुंचकर राहुल गांधी से मुलाकात की कोशिश के बाद उनके दिल्ली जाने के सवाल पर सिंहदेव ने हाथ जोड़ लिए।
जिनका कमिटमेंट सर्वोपरि वे कांग्रेस नहीं छोडेंगे: सिंहदेव
अगर व्यक्तिगत स्वार्थ की प्रतिपूर्ति होगी तभी हम किसी पार्टी में रहेंगे तो सिलसिला आजीवन चलेगा। जिसको जो नहीं मिलेगा वह दूसरी पार्टी का दरवाजा देखेगा। ऐसे लोग जितनी जल्दी छंट जाएं उतना अच्छा है। उन्होंने ने कहा, कांग्रेस की विचारधारा से शुद्ध से जुड़े हुए लोग। जिनके लिए स्वाथ सर्वोपरि नहीं है, उनका कमिटमेंट सर्वोपरि है वे कभी कांग्रेस छोड़कर नहीं जाएंगे। उन्होंने ने यह बात पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अमित शाह से मुलाकात से जुड़े सवाल पर कही।
राहुल गांधी के बहाने मामला टालने की कोशिश तो नहीं?
करीब 1 महीने पहले छत्तीसगढ़ के विधायकों के दिल्ली कूच के बाद राहुल गांधी के घर से बाहर आए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था- छत्तीसगढ़ के विकास पर बात हुई और उन्हें प्रदेश आने का न्योता दिया गया उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है और वह संभवतः अगले सप्ताह छत्तीसगढ़ आ सकते हैं। तब बघेल ने आप CM रहेंगे या नहीं इस सवाल पर पूरे आत्मविश्वास से कहा, ‘मैंने तो उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में ही छत्तीसगढ़ आने का न्योता दिया है।’ ढाई साल के बाद दूसरे को सत्ता सौंपने के सवाल पर उन्होंने फिर कहा कि ऐसी कोई बात नहीं हुई। हालांकि एक महीना बीतने को है राहुल गांधी के छत्तीसगढ़ आने का कोई कार्यक्रम अब तक तय हुआ नहीं।
भाजपा बोली- पिछली बार कोई कमी रह गई लगता है?
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कांग्रेस के सियासी ड्रामे पर चुटकी ली है। उन्होंने छत्तीसगढ़ से 13 विधायकों के दिल्ली जाने का दावा किया। श्रीवास्तव ने कहा कि कहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का एक और शक्ति प्रदर्शन तो नहीं? उन्होंने कहा कि सत्ता और सीएम की कुर्सी के लिए बीते दिनों 50 से ज्यादा विधायक दिल्ली में शक्ति प्रदर्शन करने गए थे। क्या कहीं कोई कमी रह गई जो विधायक बृहस्पत सिंह सहित 13 विधायक फिर से भूपेश के समर्थन में दिल्ली पहुंच गए। कहीं मुख्यमंत्री को अपनी कुर्सी बचाने 13 विधायक तो नहीं भेजने पड़े?
छतीसगढ़ के क़रीब एक दर्जन विधायक दिल्ली रवाना हुए है। सूत्रों के मुताबिक मोहित केरकेट्टा, चंद्रदेव राय, यूडी मिंज, गुलाब कमरों, विकास उपाध्याय, रामकुमार यादव, पुरुषोत्तम कंवर, बृहस्तप सिंह समेत अन्य दिल्ली गये है। पंजाब में कांग्रेस की राजनीति में मची उथल-पुथल के बीच छत्तीसगढ़ के 15 विधायक दिल्ली पहुंचे हैं। विधायक बृहस्पत सिंह इन विधायकों का नेतृत्व कर रहे हैं।
विधायक बृहस्पत सिंह ने एक चर्चा में कहा कि कुछ विधायक छत्तीसगढ़ सदन में रुके हैं और कुछ विधायक निजी होटल में रुके हुए हैं। विधायक प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया से भी मुलाकात करेंगे और प्रदेश की राजनीतिक स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। विधायक बृहस्पत सिंह ने कहा कि पहले भी कांग्रेस के 60 विधायकों ने लिखित और मौखिक रूप से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पक्ष में समर्थन दिया है। आलाकमान को विधायकों ने अपने निर्णय के बारे में बताया है। 15 विधायकों के दिल्ली पहुँचने का दावा किया है विधायक बृहस्पति सिंह ने।
मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल टीएस सिंहदेव का नाम लिए बिना विधायक बृहस्पत सिंह ने कहा कि किसी एक व्यक्ति को खुश करने के लिए कांग्रेस के 70 विधायकों का भविष्य दांव पर नहीं लगाया जा सकता है। कांग्रेस आलाकमान देश के अन्य राज्यों में जो भी बदलाव कर रही है, उसमें छत्तीसगढ़ मॉडल को अपनाने की शर्त रखी जा रही है।
ऐसे में प्रदेश में बदलाव की कोई संभावना नहीं है। कांग्रेस के अन्य विधायकों ने कहा कि पूरे देश में किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए आंदोलन कर रहे हैं, जबकि छत्तीसगढ़ में ऐसी स्थिति नहीं है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश के किसान खुशहाल हैं और 2500 रुपये प्रति क्विंटल पर धान खरीदी से खुश हैं।