एक दिवसीय उर्वरक जागरूकता कार्यक्रम एवं कृषक वैज्ञानिक परिचर्चा पर हुआ आयोजन
कोरबा 10 अक्टूबर। कटघोरा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र कोरबा में शनिवार को आजादी का अमृत महोत्सव अंतर्गत उर्वरकों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण डीबीटी प्रणाली का पांच वर्ष पूर्ण होने पर एक दिवसीय उर्वरक जागरूकता कार्यक्रम एवं कृषक वैज्ञानिक परिचर्चा का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि रहे नंद पांडे अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कटघोरा उपस्थित रहे। एसडीएम नंद जी पांडे ने जिले के कृषकों को आजादी का अमृत महोत्सव अंतर्गत उर्वरकों में प्रत्यक्ष लाभ हस्ताक्षरण डीबीटी प्रणाली पर संक्षेप में जानकारी प्रदान की।
ए के शुक्ला उपसंचालक कृषि ने उपस्थित कृषकों को कृषि विभाग एवं शासन की विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिले में 266 गौठान संचालित हैं, जिसमें लगभग 1000 महिलाएं कार्यरत हैं। इन महिलाओं के बैंक खातों में शासन की ओर से अब तक कुल राशि 204 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है। उपसंचालक, कृषि ने कृषकों को वर्तमान मृदा नमी का फायदा लेते हुए 60 से 70 दिन की फसलें जैसे तोरिया, रामतिल, आदि की बोआई करने की सलाह दी। डीके तंवर, मृदा वैज्ञानिक ने कार्यक्रम में किसानों को खाद एवं उर्वरकों के संतुलित उपयोग के लिए जागरूक करते हुए इसका उपयोग मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर ही करने की सलाह दी, जिससे कि पौधों को सही मात्रा में पोषक तत्व मिलने के साथ ही उसका वातावरण एवं मनुष्यों के स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर न पडें। केन्द्र के वैज्ञानिकों ने असंतुलित मात्रा में उर्वरकों के उपयोग से फसलों पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव, मृदा स्वास्थ्य सुधार एवं फसल पोषण में मिटटी परीक्षण का महत्व, जैव उर्वरकों से बीज उपचार, हरी खाद का उपयोग, केंचुआ खाद, नाडेप कम्पोस्ट का उपयोग, मौसम पूर्वानुमान का कृषि कार्यो में महत्व इत्यादि विषयों पर व्याख्यान दिया। कार्यक्रम में डा एस के उपाध्याय वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुखए कृषि विज्ञान केंद्र कटघोरा, डीपीएस कंवर, सहायक संचालक कृषि, आभा पाठक, सहायक संचालक उद्यानिकी, योगेश टंडन, खेतान केमिकल्स एवं कृषि विभाग के मैदानी अमलों एवं कृषि विज्ञान केंद्र कटघोरा के अधिकारी-कर्मचारी के साथ-साथ जिले भर के किसानों ने भाग लिया।