November 22, 2024

पनिका समाज की सामाजिक गोष्ठी में कई जिलों की भागीदारी

कोरबा 20 अक्टूबर। धर्म जागरण समन्वय के द्वारा कोरबा विभाग का पनिका समाज के बंधुओं की सामाजिक गोष्ठी कोरबा सहित कई जिलों की भागीदारी हुई। दीप प्रज्ज्वलन कोरबा विभाग के विभाग संघचालक सत्येन्द्रनाथ दुबे एवं जिला संघचालक किशोर बुटोलिया के द्वारा किया गया। भारत माता एवं कबीर साहेब की छाया चित्र पर माल्यार्पण एवं पूजा, आरती समाज के सभी लोगो के द्वारा किया गया।

भोजराम देवांगन प्रान्त परियोजना सह प्रमुख ने गोष्ठी के प्रारूप एवं उद्देश्य पर प्रकाश डाला। समाज के लक्ष्मण दास ने पनिका समाज के इतिहास एवं संस्कृति पर प्रकाश डाला। आनंद दास, गंगा महंत, अस्थिर दास ने समाज को अपने परम्परा से जुड़ कर रहने की प्रेरणा दी। द्वारिका दास ने समाज को मिलकर आगे बढऩे और समाज मे बढ़ रहे कुरीतियों से बचने का आग्रह समाज से किया। द्वितीय सत्र में दीपक धर्म जागरण संभाग प्रमुख ने धर्मांतरण के विषय पर विस्तार से समाज के लोगों को बताया और विधर्मियों के प्रलोभन से बचना है। भुनेश्वरी महंत ने अपने समाज के लोगों का अपने परंपरा को छोड़कर दूसरे पूजा पद्धति में जाने को लेकर चिंता व्यक्त किया गया। अतुल दास ने समाज में धर्मांतरण की पैठ से अपने घर परिवार को बचाने पर जोर दिया। अपनी चौका आरती की जो परंपरा है जो गुरु कबीर साहेब के विचारों को आत्मसात करना है प्रेमजी महंत ने धर्मांतरण के मुद्दे पर समाज को अवगत कराया। समापन वक्ता के रूप में राजकुमार धर्म जागरण समन्वय छत्तीसगढ़ प्रांत प्रमुख ने समाज के लोगों को विस्तार पूर्वक धर्मांतरण के विषय में समाज को चेताया और समाज में एकता बनाए रखने के लिए प्रेरणा दी। विद्या विनोद महंत ने समाज को एकजुटता के लिए कहा। समाज के प्रेम दास महंत, पवन दास महंत, किशन दास, प्रहलाद दास, राजू महंत प्रेमदास, गुहा दास बाला दास ने अपनी बातों को समाज के बीच में रखा।

कार्यक्रम का संचालन राज नारायण गुप्ता धर्म जागरण समन्वय जिला सहसंयोजक के द्वारा किया गया एवं आभार प्रदर्शन दिनेश भातरा के द्वारा किया गया साथ ही धर्म जागरण के विभाग प्रमुख सुनील सिंह प्रांत परियोजना प्रमुख शंकर साहू प्रांत परियोजना सह प्रमुख भोज राम देवांगन अमृत प्रधान आशीष गोयल, योगेश्वर प्रसाद तिवारी, हेमंत जयसवाल, संतोष केवट नारायण दास, मोहन पार्षद बुधवारी रामकुमार साहू, बीजू सिंह सभी का कार्यक्रम को सफल बनाने में अमूल्य योगदान रहा ।

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