छत्तीसगढ़ प्रेरणा पुण्य तिथि 23 जुलाई स्वर्गीय बिसाहू दास महंत: एक आदर्श शिक्षक और सत्य निष्ठ राजनीतिज्ञ Markanday Mishra July 22, 2020 कोरबा 22 जुलाई। अविभाजित मध्यप्रदेश के कद्दावर राजनेता स्वर्गीय श्री बिसाहू दास महंत यानी छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत के पिता न केवल एक आदर्श शिक्षक के रूप में याद किए जाते हैं बल्कि सहज सरल सत्य निष्ठा राजनेता के रूप में भी लोगों के दिलों में रचे बसे हैं। गुरुवार 23 जुलाई को उनकी पुण्यतिथि है। स्वर्गीय श्री महंत के गृह जिला जांजगीर चांपा सहित कोरबा कोरिया और छत्तीसगढ़ तथा मध्य प्रदेश के विभिन्न अंचलों में स्वर्गीय श्री बिसाहू दास महंत को उनकी जयंती पर आज भी बड़े ही सम्मान के साथ याद किया जाता है। छत्तीसगढ़ राज्य के स्वप्नद्रष्टा स्वर्गीय श्री बिसाहू दास महंत को याद करते हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा – “ईश्वर से प्रार्थना है हर जन्म मुझे बिसाहू दास जी की तरह पिता मिले।” स्वर्गीय बिसाहू दास जी महंत (पूर्व मंत्री व प्रदेश अध्यक्ष मध्य प्रदेश)का नाम छत्तीसगढ़ की स्थापना,उसके सुखद भविष्य के लिए जन जन के द्वारा बड़ी अपेक्षा के साथ देखा जाता रहा है। यह कुछ हद तक पूर्ण भी हुआ। वे एक कृषक भी थे, शिक्षक और राजनीतिज्ञ भी। पिता कुंजराम महंत जी का संस्कार उन्हें कबीर पंथी होने के रूप में विरासत में मिला था।यही कारण है आपने निर्गुण और सगुण दोनों को केवल इसलिए साधा था कि यह लोकतंत्र में विश्वास और लोकतंत्र की पूजा के लिए जरूरी भी है।अनुशासनप्रियता खासकर पार्टी विशेष के लिए कोई आपसे सीखे, संकट कालीन परिस्थितियों में भी आपने इंदिरा जी का साथ देना उचित समझा,जबकि कई लोग उस समय भी बगावत की स्थिति में थे,आपने लोगों को समझाईस देकर संभाले रखा। महंत जी धर्मरहित राजनीति को राजनीति नहीं मानते थे, उनकी दृष्टि में राजनीति, जनकल्याण का साधन बने और जनसेवा का भाव राजनीति में आए, यह उनका लक्ष्य था। स्व. श्री बिसाहू दास महंत मध्य प्रदेश के राजनीतिज्ञ थे। नागपुर के हिसलप कॉलेज से पढ़े स्वर्गीय श्री बिसाहू दास महंत जी राज्य में कांग्रेस द्वारा निर्मित सबसे सफल विधायक थे और उन्होंने बाराद्वार का प्रतिनिधित्व किया, जिन्हें अब निर्वाण क्षेत्रों के लिए क्रमशः एक, दो और तीन शब्दों के लिए नया बाराद्वार, नवागढ़ और चांपा के रूप में जाना जाता है । वे भारत की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के बहुत करीबी थे ।कृषि के क्षेत्र में सिंचाई के लिए नहरों का ताना-बाना बुनने में स्वर्गीय श्री बिसाहू दास महंत जी का बड़ा योगदान रहा है, साथ ही कोसा एवं बुनकर व्यवसाय को प्रदेश से लेकर विदेशों तक जो ख्याति प्राप्त है उनमें स्वर्गीय श्री बिसाहू दास जी का अतुलनीय योगदान रहा है । NEWS ACTION परिवार की सादर श्रद्धांजलि Spread the word Post Navigation Previous कोरबा के परिवहन व्यवसाई के खिलाफ रायगढ़ में धोखाधड़ी का अपराध दर्जNext जनपद पंचायत कोरबा के सी ई ओ पर गुंडों को बुलाकर पिटाई कराने का आरोप, बिलासपुर एस पी से की गई शिकायत Related Articles कोरबा छत्तीसगढ़ ग्राम पंचायतों में सरपंच एवं वार्ड पंच का आरक्षण 28 दिसंबर को Admin December 23, 2024 कोरबा छत्तीसगढ़ विष्णु की पाती ने महिलाओं के जीवन में दी खुशियों की सौगात Admin December 23, 2024 कोरबा छत्तीसगढ़ कलेक्टर ने सुनी जनदर्शन में आम नागरिकों की समस्याएं Admin December 23, 2024