मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से गर्भवती फुलवा हुई कुपोषण मुक्त
आंगनबाड़ी में दिए गए पौष्टिक आहार से शरीर में खून की कमी भी हुई दूर
कोरबा ९ नवम्बर। बच्चों एवं महिलाओं को कुपोषण और एनीमिया से बचाने के लिए चलाए जा रहे मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से लबेद की रहने वाली श्रीमती फुलवा कुपोषण और एनीमिया से मुक्त हो गई है। गर्भावस्था के शुरूआती दिनों में फुलवा का हिमोग्लोबिन स्तर काफी कम हो गया था। आंगनबाड़ी केन्द्र में गर्भवती महिलाओं को दिए जाने वाले अण्डा, मंूगफली लड्डु एवं अन्य पौष्टिक आहार से गर्भवती फुलवा का हिमोग्लोबिन स्तर प्रसव के समय बढ़कर १० ग्राम हो गया। आंगनबाड़ी केन्द्र में दिए गए नियमित पौष्टिक आहार से फुलवा ने एक स्वस्थ बालक को जन्म दिया। जन्म के दौरान बालक का वजन साढ़े तीन किलोग्राम था। गर्भावस्था के दौरान आंगनबाड़ी में फुलवा को मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत दूध, लड्डु, पापड़, आचार एवं पौष्टिक चिक्की भी दिया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा फुलवा को नियमित रूप से पौष्टिक आहार संबंधी सलाह भी दिया गया। जिले में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत कुपोषण एवं एनीमिया को जड़ से समाप्त करने कार्ययोजना बनाकर काम किया जा रहा है। अभियान के तहत कुपोषण को कम करने के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियां भी आयोजित की जा रही है। सभी हितग्राहियों को गर्म भोजन के साथ रेडी-टु-ईट दिया जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा नियमित रूप से गृह भेंट करके हितग्राहियों को व्यक्तिगत साफ-सफाई, स्वास्थ्य जांच एवं पौष्टिक आहार के संबंध में जागरूक किया जा रहा है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग कोरबा ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान फुलवा का गर्भवती पंजीयन मदनपुर सेक्टर के आंगनबाड़ी केन्द्र लबेद में कराया गया। पंजीयन कराने के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने उन्हें नियमित आंगनबाड़ी केन्द्र आने के लिए कहा। स्वास्थ्य जांच के दौरान शरीर में खून की कमी होने पर शरीर में खून की मात्रा बढ़ाने के लिए अच्छे और पौष्टिक आहार लेने के लिए कहा गया। आंगनबाड़ी केन्द्र में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत फुलवा को नियमित पौष्टिक आहार भी दिया गया। पंजीयन के समय फुलवा का वजन लगभग ३७ किलोग्राम था एवं हिमोग्लोबिन स्तर भी बहुत कम था। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सेक्टर पर्यवेक्षक द्वारा फुलवा के घर गृह भेंट किया गया। फुलवा को महतारी जतन के बारे में बताया गया और प्रतिदिन आंगनबाड़ी केन्द्र में भोजन करने के लिए बुलाया गया। फुलवा को समय-समय पर खाने-पीने और साफ-सफाई के बारे में भी बताया गया। फुलवा को उसके घर में मुनगा व पपीता को लगाने की सलाह दी गई व भोजन में मुनगा भाजी खाने के लिए विशेष रूप से सलाह दिया गया। फुलवा को आंगनबाड़ी केन्द्र में मिलने वाली रेडी टू ई फुड का सेवन करने का सलाह दिया गया। साथ ही आयरन गोली खाने की विधि के बारे में भी बताया गया। फुलवा ने सलाह को मानकर प्रतिदिन आंगनबाड़ी केन्द्र भोजन करने आती थी। जिस दिन नहीं आ पाती थी उस दिन उन्हें टिफिन में पौष्टिक आहार दिया जाता था। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व मितानीन द्वारा उन्हें समय पर जरूरी टीका लगवाने का भी सलाह दिया गया। जिसे मानकर फुलवा ने सभी टीका लगवाई व सभी प्रकार की जरूरी स्वास्थ्य जांच भी करवाई। फुलवा का प्रसव कुदमुरा अस्पताल में हुआ। बच्चे का वजन साढ़े तीन किलो था। फुलवा ने एक स्वस्थ बालक को जन्म दिया। प्रसव के समय फुलवा का वजन ४९ कि.ग्रा. व एच.बी. १०.०८ ग्रा. था। गृह भेठ के दौरान फुलवा को बताया गया कि बच्चें को ६ माह तक सिर्फ स्तनपान कराने के लिए कहा गया। फुलवा ने अपने बच्चे को ६ माह तक केवल स्तनपान कराया व सभी टीका भी लगवाई। फुलवा ने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत दिए गए पौष्टिक आहार एवं सलाह के द्वारा एक स्वस्थ्य बालक को जन्म दिया साथ ही स्वयं पोषण स्तर के सामान्य श्रेणी में रही।