July 7, 2024

नगर निगम कोरबाः नहीं थम रहा अनियमितताओं का सिलसिला, विपक्ष का आरोप निराधारः महापौर

कोरबा 6 दिसंबर। छत्तीसगढ़ के प्रथम डामर घोटाला के लिए कुख्यात पूर्व साडा और वर्तमान नगर पालिक निगम कोरबा में अनियमितताओं का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। यहां अभी भी नियम-कानून जाये भाड़ में की तर्ज पर काम हो रहा है। ताजा मामला निगम क्षेत्र में जल वितरण पाइप लाईन विस्तार और बरबसपुर डम्पिंग यार्ड की साफ-सफॅाई से संबंधित है। इनमें से एक निविदा को हरी झण्डी दे दी है और दूसरे को पिछले दरवाजे से हरी झण्डी दिखाने की कोशिश जारी है।

जानकारी के अनुसार 15 वें वित्त योजना के अन्तर्गत निगम क्षेत्र के बचे हुए हिस्से में जल वितरण पाइप लाईन विस्तार की निविदा लागत राशि 483.56 लाख आमंत्रित की गयी थी। नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल के अनुसार इस कार्य हेतु राजस्थान की ठेका कंपनी सतगुरू कंस्ट्रक्शन अजमेर की एकल निविदा प्राप्त हुई। नियमानुसार यह निविदा नहीं खोली जा सकती थी। लेकिन निविदा खोलकर निविदा समिति ने एम. आई. सी. में पास करा दिया। फिर शनिवार 04 दिसंबर को इसके लिए विशेष सामान्य सभा आहूत की गई और बहुमत से प्रस्ताव पारित कर दिया गया। हालांकि विपक्ष ने सामान्य सभा में विरोध भी किया लेकिन प्रस्ताव को बहुमत से पास कर दिया गया। नेता प्रतिपक्ष के अनुसार नगर निगम कोरबा में अन्य सभी निर्माण कार्य 14 से 20 प्रतिशत कम दर पर स्वीकृत हो रहे हैं और ठेकेदार काम कर रहे हंै। जबकि इस निविदा को 13.98 प्रतिशत अधिक दर पर स्वीकृत कर दिया गया है। यानि कम से कम 30 प्रतिशत का नुकसान नगर निगम को उठाना पड़ रहा है। यह स्थिति तब है, जब नगर निगम के महापौर और सभापति दोनों ही पारिवारिक पेशे से ठेकेदार हैं।

दूसरा मामला नगर निगम के बरबसपुर डंम्पिंग यार्ड की साफ-सफाई से संबंधित है। नगर निगम के प्रशासनिक स्वीकृति के बगैर ही डम्पिंग यार्ड के कचरे की रि-सायकलिंग साफ-सफाई करने की निविदा लागत 600 लाख आमंत्रित कर ली। इसमें भी एकल निविदा अभिनव कंस्ट्रक्शन कोरबा की आई। इस निविदा को भी खोल दिया गया और अब पिछली तारीख में प्रशासकीय स्वीकृति हासिल करने का प्रयास किये जाने की जानकारी मिली है। इस संबंध में नगरीय प्रशासन विभाग के मुख्य अभियंता भागीरथी वर्मा से चर्चा की गयी तो उन्होंने कहा कि प्रकरण उनके पास आया है और उसका परीक्षण किया जा रहा है।

इन दोनों प्रकरणों में नगर निगम आयुक्त कुलदीप शर्मा (आई. ए. एस.) से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि दोनों ही निविदाओं की प्रक्रिया नियमानुसार पूर्ण की गयी है। महापौर राजकिशोर प्रसाद ने कहा कि प्रशासकीय स्वीकृति के बाद ही बरबसपुर डम्पिंग यार्ड संबंधी टेण्डर की प्रक्रिया की गयी है। जहां तक जल वितरण पाईप लाईन की निविदा का प्रश्न है, तो उसके लिए पहली बार में किसी ने निविदा नहीं भरी थी। दूसरी बार में एक ही पार्टी ने निविदा भरी। अन्य विभागों के इसी प्रकृति के कार्यों की दर का तुलनात्मक अध्ययन के बाद निविदा को स्वीकृति दी गयी है। विपक्ष का आरोप निराधार है।

सूत्रों के अनुसार नगर निगम कोरबा में ठेकेदारों का एक समूह राजनीतिक संरक्षण में तमाम निविदाओं में एक तरफा कब्जा जमाया बैठा है। कुछ नेता तो जिले भर में बाहरी ठेकेदारों के नाम पर करोड़ों रूपयों का बेनामी कार्य कर रहे हैं। इसी प्रकार डी.एम.एफ.के कार्यों में भी राजनीतिक रसूख के बूते कुछ चालाक लोगों ने कब्जा कर रखा है और करोड़ों रूपयों का घोटाला करते आ रहे हैं। समय रहते इन गतिविधियों पर रोक नहीं लगायी गई, तो शासन को चूना लगाने वाले भस्मासुर बन जायेंगे।

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