विज्ञान सभा के नेचर कैंप में विद्यालयों व कालेजों के बच्चों ने लिया भाग
कोरबा 13 दिसंबर। छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के तत्वाधान में सीपेट में नेचर कैंप का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आरंभ विज्ञान की एवं संविधान की उद्देशिका के पाठ से किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था बच्चों को प्रकृति से जोड़ना और प्रकृति में छिपे रहस्यों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखने परखने के लिए छोटी-छोटी गतिविधियों के माध्यम से उन्हें सरलता से समझाना। नेचर कैंप में कोरबा के विभिन्ना विद्यालयों व कालेजों से 170 बच्चों ने भाग लिया।
लीफ प्रिंटिंग के माध्यम से विभिन्ना पादपों व विशेषता औषधीय पौधों की पहचान बच्चों को कराई गई । आरसीआरएस की टीम ने विद्यार्थियों को विषैले एवं विषहीन सर्पों की पहचान करना सिखाया। साथ ही सर्पदंश की स्थिति में बरतने वाली सावधानियों की जानकारी देते हुए सजग किया गया। शासकीय हाईस्कूल स्याहीमुड़ी के छात्रों ने ज्योति केवट के नेतृत्व में सर्पदंश के इलाज के लिए बैगा से इलाज कराने के मिथक पर बेहतरीन नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन किया। आरिगैमी घुमक्कड़ के माध्यम से तितलियों के जीवनचक्र जल चक्र उदविकास एवं प्रकृति के विभिन्ना चक्रों को सरलता से समझाया गया। क्ले माडलिंग के माध्यम से चिड़ियों की पहचान करना सिखाया गया। साथ ही तितलियां व मधुमक्खियां पर्यावरण में क्या भूमिका निभाती है एवं प्रत्येक जीव जंतु और पौधे वेब आफ लाइफ के माध्यम से किस तरह आपस में जुड़े हैं इसकी जानकारी दी गई। सीएसईबी कोरबा पश्चिम के चीफ केमिस्ट देवेश दुबे एवं छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के सचिव डा वाईके सोना ने पर्यावरण एवं जल प्रदूषण विषय पर लेक्चर दिया। छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा से डा एमएल नायक विज्ञान सभा अध्यक्ष, विश्वास राव मेश्राम विज्ञान सभा कार्यकारी अध्यक्ष,अशोक प्रधान पी टीआरएस यू एंथ्रोपोलाजी विभाग के हेड, नंदकुमार चक्रधारी पी टीआरएस यू सहायक प्राध्यापक एस्ट्रोफिजिक्सए डा वाईके सोना विज्ञान सभा सचिव, अंजू मेश्राम, एचएन टंडन, डा फहराना अली, सुमित सिंह,अविनाश यादव, सुशील अग्रवाल, प्रकाश तेंदुलकर उपस्थित थे। मंच का सफलतापूर्वक संचालन निधि सिंह राज्य संयुक्त सचिव छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा ने किया।