November 7, 2024

जीवन में अवांछित कामनाएं ही मनुष्य के लिए बन रही संकट

कोरबा 13 दिसंबर। जीवन में अवांछित कामानाएं ही मनुष्य के लिए संकट का कारण बन रही है। उदाहरण के लिए शराब का सेवन जरूरी नहीं है, फिर भी उसे हलक से उतारने और धन बर्बाद करने के लिए लोग उतावले रहते हैं। नशा ही नहीं बल्कि ऐसे कई अमान्य कर्म हैं, जिनकी कामनाओं के कारण मनुष्य दुखों को समेटते चला जा रहा है। कामनाओं का त्याग और आत्मसंतोषी बनकर जीवन निर्वहन की कला जिसने सीख लिया उसके लिए संसार में सुख ही सुख है।

सलोरा में आयोजित प्रज्ञापुराण एवं पांच कुंडीय महायज्ञ के दौरान हरिद्वार से पधारे मुख्य आचार्य घनश्याम प्रसाद साहू ने कही। आचार्य मानवीय जीवन में विविध समस्याओं के समाधान विषय पर व्याख्यान दे रहे थे। आचार्य ने बताया कि सुविचार और सुसंस्कार से जुड़ने और अन्य लोगों को जोड़ने का संकल्प लेकर हम अपने समाज को उन्ना्?त बना सकते हैं। प्रज्ञा पुराण के दुसरे दिन आचार्य ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पांच कुंडीय महामज्ञ की शरूआत की। गायत्री परिवार छुरी.कटघोरा और सलोरा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित प्रज्ञापुराण और पांच कुंडीय यज्ञ में शामिल होकर पुण्य लाभ लेने आसपास गांव के लोग पहुंच रहे। जिला गायत्री परिवार की स्वर कोकिला पुनीता दीदी और उनकी टोली यज्ञ स्थल को संगीतमय बना दिया है। आयोजन के दूसरे महायज्ञ में आहुति देने के लिए ग्रामीणों की खासी संख्या में उपस्थिति रही। शाम के दीप यज्ञ के साथ वेदमाता गायत्री की पूजा की गई। जिला गायत्री परिवार के युवा प्रकोष्ठ के मार्गदर्शक रमाकांत साहू ने बताया कि पूज्य गुरूदेव आचार्य श्रीराम शर्मा और वंदनीया माता भगवती देवी के प्रज्ञा संदेश को जन जन तक पहुंचाने की दिशा में आयोजन फलीभूत हो रहा है।

Spread the word