छत्तीसगढ़ साहित्य पवन नेताम ‘श्रीबासु’ की गज़ल Markanday Mishra July 26, 2020 गज़लखुद के अंदर अब इंसान कहा रखतें है।इंसानियत के वो ईमान कहां रखतें है।वृद्धाश्रम मे रोते छोड़ आते है माँ-बाप,अब घरो मे पुराना समान कहा रखतें है।फिजूल की वाहवाही रखती है दुनिया,अब सच्चाई की जुबान कहाँ रखतें है।अच्छे दिन का इंतजार कितनो को है,अच्छे संस्कार का ज्ञान कहाँ रखतें है।आजकल कितने मकां बनते है शहर मे,प्रेम वाली वो रोशनदान कहाँ रखते है।उम्र गुजर गई इस शहर मे बसर करतें,सफेद बालो की पहचान कहाँ रखतें है।~~~पवन नेताम ‘श्रीबासु’सिल्हाटी, कबीरधाम (छ.ग.)संपर्क – 08770679568E-mail- pawannetam7@gmail.com Spread the word Continue Reading Previous अब छत्तीसगढ़ रेंजर एशोसिएशन का हुआ गठनNext अबकी राखी में भैया मुझको देना ये उपहार कल्पना कौशिक Related Articles कोरबा छत्तीसगढ़ एकजुटता से प्रगति पथ अग्रसर बालको – निर्मलेंदु Admin November 3, 2024 कोरबा छत्तीसगढ़ स्तन कैंसर जागरुकता माह: कैंसर का शीघ्र पता लगाने और पूर्वाग्रह मुक्त सम्वाद का चैम्पियन बना वेदांता का बालको मेडिकल सेंटर Admin November 3, 2024 कोरबा छत्तीसगढ़ बालको ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के सपने को कर रहा साकार Admin November 3, 2024