September 17, 2024

कोरोना संक्रमणः कोरबा में एक, कटघोरा में चार कंटेनमेंट जोन

कोरोना संक्रमणः कोरबा में एक, कटघोरा में चार कंटेनमेंट जोन

कोरबा 4 जनवरी। भले ही छत्तीसगढ़ में ओमिक्रॉन वेरियंट के एक भी केस नहीं आये हैं और ना ही ओड़िसा के भुनेश्वर पर केंद्रित प्रयोगशाला से रिपोर्ट प्राप्त हुई हैए लेकिन कोरोना की चाल एक बार फिर तेज होती नजर आ रही है। कोरबा में कोरोना ने वर्ष के प्रारंभिक दौर में अपना खौफ दिखाना शुरू कर दिया है। नए प्रकरणों के कारण कोरबा में एक और कटघोरा में चार कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। इसी के साथ आसपास के इलाके में सर्वे करने पर जोर दिया गया है।

रामपुर वार्ड के अंतर्गत आने वाले बालाजी नगर बैगिंनडभार इलाके के ओम फ्लेट्स को इस कड़ी में प्रशासन ने सील कर दिया है। मौके पर दो परिवारों के चार लोगों को कोविड पॉजिटिव पाये जाने पर यह कार्रवाई की गई। इनमें से एक परिवार की सदस्य डॉक्टर बतायी गई है। हाल में ही तबियत बिगडऩे के साथ संबंधित लोगों ने अपना परीक्षण कराया। इसमें आयी रिपोर्ट ने उनकी चिंता बढ़ायी। उक्त चारों लोगों में सकारात्मक लक्षण पाये गए। सतर्कता बरतते हुए प्रशासन ने ओम फ्लैट्स को फौरी तौर पर सील करने की कार्रवाई की और इस हिस्से को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया। इसी तरह कटघोरा शहरी क्षेत्र में भी कोरोना ने अपनी धमक दिखाई। वहां वार्ड क्रमांक 1,2,3 और 14 में 6 से अधिक लोग कोविड पॉजिटिव मिले हैं। इस आधार पर संबंधित हिस्से को कंटेनमेंट जोन बना दिया गया। कटघोरा के ब्लाक मेडिकल ऑफिसर डॉ रूद्रपाल सिंह ने बताया कि इस क्षेत्र में अलग-अलग घर से वास्ता रखने वाले लोगों ने समस्या पेश आने पर परीक्षण कराया था। जांच में उन्हें कोविड पॉजिटिव दर्शाया गया। अगली कड़ी में संबंधितों को परामर्श देने के साथ दवाएं उपलब्ध करायी गई। निश्चित समय तक के लिए लोगों के लिए कोविड.19 प्रोटोकाल का परिपालन अनिवार्य किया गया। ताकि खतरे को विस्तारित होने से रोका जा सके।

कोरोना की पहली लहर में कंटेनमेंट जोन बनाए जाने की स्थिति में संबंधित बड़े हिस्से को सील करने की कार्रवाई की जा रही थी। समय बीतने के साथ वायरस की मारक क्षमता कम होने पर नियम बदले गए और कंटेनमेंट जोन के लिए 500 मीटर का दायरा तय किया गया। बाद में इसे और कम कर दिया गया। अबकि स्थिति में कोविड पॉजिटिव केस मिलने पर कंटेनमेंट जोन बनाए जा रहे हैं। इसके लिए केवल उसी हिस्से को प्रतिबंधित किया जा रहा है, जहां से मरीजों का वास्ता है।

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