शिक्षक पात्रता परीक्षाः-11752 ने कराया पंजीकरण, पहली पाली में 1965 नहीं पहुंचे केंद्रों में
कोरबा 9 जनवरी। वो दिन लद गए जब सरकारी क्षेत्र के द्वारा निकाली गई वेकेंसी में आवेदन किया, लिखित परीक्षा और इंटरव्यू में बेहतर प्रदर्शन के साथ अयर्थी शिक्षक के रूप में चुन लिया गया। समय बदलने के साथ अब शिक्षक की भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए भी संबंधित लोगों को अपनी पात्रता साबित करना जरूरी हो गया है। कोरबा में आज आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के लिए कुल 11 हजार 754 अभ्यर्थी पंजीकृत हुए। अकेले पहली ही पाली में 1965 की अनुपस्थिति दर्ज हुई है।
व्यवसायिक परीक्षा मंडल छत्तीसगढ़ के द्वारा सभी जिलों के लिए आज की तिथि में यह परीक्षा आयोजित की गई। कई कारणों से यह परीक्षा महत्वपूर्ण है। सरकारी क्षेत्र की नौकरी और वह भी शिक्षा से जुड़ी हुई हो तो इसका विविध महत्व अपने आप बढ़ जाता है। यही कारण रहा कि कोरबा जिले में आयोजित इस परीक्षा के लिए डिग्री और डिप्लोमाधारी अभ्यर्थियों के अलावा विद्यालयों में सेवाएं दे रहे शिक्षकों ने उत्साह दिखाया। पहली पाली के लिए 18 केंद्र बनाए गए। इसमें 6202 अभ्यर्थियों का पंजीकरण किया गया। सुबह 9.30 बजे से शुरू हुई इस परीक्षा में कुल 4637 अभ्यर्थी शामिल हुए। इस तरह 1965 पंजीकृत अभ्यर्थियों ने परीक्षा नहीं दी। इसके पीछे अलग-अलग कारण हो सकते हैं। नोडल ऑफिसर ने बताया कि दूसरी पाली में 5552 अभ्यर्थियों का पंजीकरण हुआ है। यह परीक्षा कोरबा जिले के कुल 17 केंद्रों में संपन्न होगी। व्यापमं ने परीक्षा संपन्न कराने के लिए कोविड दिशा निर्देशों के अंतर्गत तैयारी कराई।
शिक्षा और समसामयिक विषयों पर सवालः-शिक्षक पात्रता परीक्षा में अधिकांश प्रश्र शिक्षा क्षेत्र से संबंधित रहे। इन्हें लेकर परीक्षार्थियों का दिमाग चकराया। आसान लगने वाले सवालों में परीक्षार्थियों का काफी समय जाया हुआ। तत्कालिक विषय के साथ-साथ समसामयिक संदर्भों को भी इस परीक्षा का हिस्सा बनाया गया। वरिष्ठता का लाभ पाने के लिए जरूरी है परीक्षाः- व्यापमं के द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा को कई कारणों से महत्वपूर्ण बताया जा रहा है। वर्तमान में विद्यालयों में सेवारत शिक्षकों को भविष्य में पदोन्नति और आगे बढ़ने के लिए यह परीक्षा मायने रखती है।
सरकार की नीति के अंतर्गत भविष्यगत पदोन्नति और अन्य हित लाभ के लिए शिक्षकों को यह पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना है। इसलिए काफी शिक्षकों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई। वर्तमान में शिक्षक की नौकरी के लिए डीएड, डिह्रश्वलोमा से लेकर बीएड और डीएड की डिग्री जरूरी हो गई है। इसी शर्त पर अकादमी शिक्षा वाला वर्ग शिक्षक बन सकता है। आज पहली पाली में उच्च विद्यालय के शिक्षक शामिल हुए जबकि दूसरी पाली में अन्य वर्ग की भागीदारी होगी।