आयुर्वेद अस्पताल का संचालन किराए के मकान में
कोरबा 22 जनवरी। कोरबा जिला के गठन के बाद से यहां का आयुर्वेद अस्पताल उधार के भवन में चल रहा है। इस के चक्कर में विभाग को हर वर्ष बड़ी राशि यूं ही जाया करनी पड़ रही है। इसलिए विभाग ने तय किया है कि जल्द ही आयुर्वेद अस्पताल के लिए प्रथक से भवन की व्यवस्था कराई जाए। इसके लिए आवश्यक प्रयास किए जा रहे हैं।
अविभाजित मध्यप्रदेश के दौरान 25 मई 1998 को बिलासपुर से अलग होकर कोरबा को राजस्व जिला का दर्जा दिया गया। 23 साल बीतने के बाद भी कोरबा जिले में आयुर्वेद अस्पताल को अपना खुद का भवन नहीं मिल सका है। इस लंबी समयावधि में आयुर्वेद अस्पताल का संचालन किराए के भवन में किया जा रहा है और कई करोड़ रुपए इसी काम पर खर्च हो चुके हैं लेकिन लोगों को इसका खास फायदा नहीं मिल सका। अब आयुर्वेद विभाग इस मामले को लेकर गंभीर हुआ है। जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ टी आर राठिया ने बताया कि ईएसआईसी हॉस्पिटल के पास हम 2 एकड़ जमीन की तलाश कर रहे हैं जल्द ही यहां पर अच्छे नतीजे होंगे। बताया गया कि जमीन की तलाश और निर्माण के बाद मौके पर तीन विभागों का अस्पताल संचालित किया जाएगा और इसके माध्यम से लोगों को सुविधा दी जानी सुनिश्चित होगी।सरकार के द्वारा अनेक मामलों में धनराशि बचाने के लिए स्वतंत्र भवन की व्यवस्था की जा रही है ताकि अधिक से अधिक संसाधनों और सुविधाओं का विकास किया जा सके अगर कोरबा में आयुर्वेद अस्पताल की व्यवस्था पृथक से हो जाती है तो कुल मिलाकर लोगों को इसका लाभ दिया जाना संभव होगा।