एसईसीएल कोरबा क्षेत्र में 2356 सदस्यों के साथ एटक प्रथम
कोरबा 24 जनवरी। एसईसीएल कोरबा क्षेत्र में सदस्यता सत्यापन के बाद एटक 2356 सदस्यों के साथ प्रथम स्थान पर रही। वहीं साउथ इस्टर्न कोयला मजदूर कांग्रेस एसईकेएमसी 1659 के सदस्यों के साथ दूसरे नंबर पर रही।
कोयला खदान में कार्यरत मजदूरों का प्रतिनिधित्व कर रही श्रमिक संगठन के सदस्यों का प्रतिवर्ष सत्यापन किया जाता है। कोरोना संक्रमण की वजह से सत्यापन के कार्य में विलंब होने से परिणाम जारी करने में भी विलंब हुआ। साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड एसईसीएल कोरबा क्षेत्र में चार श्रमिक संघ एटक भारतीय मजदूर संघ बीएमएस, हिंद मजदूर सभा एचएमएस व एसईकेएमसी की सदस्यता का सत्यापन प्रबंधन द्वारा कराया गया। सभी क्षेत्र में प्रक्रिया पूरी करने के बाद परिणाम जारी किया गया। इसके अनुसार एसईसीएल मुख्यालय महाप्रबंधक कार्यालय में एसईकेएमसी के सर्वाधिक 229 सदस्य बनेए जबकि एटक के 210 सदस्यों के साथ दूसरे स्थान पर है। वहीं सरइपाली में एटक के 43, बगदेवा में 664, ढेलवाडीह में 270, सिंघाली में 233, बांकीमोंगरा में 43, सुराकछार में 414, बल्गी में 229, रजगामार में 91 तथा मानिकपुर में 159 सदस्य हैं। वहीं एसईकेएमसी के सराईपाली में तीन, बगदेवा में 103, ढेलवाडीह में 101, सिंघाली में 283, बांकीमोंगरा में 47, सुराकछार में 191, बल्गी में 221, रजगामार में 210 व मानिकपुर में 271 सदस्य हैं। सर्वाधिक खराब स्थिति एचएमएस की है। संगठन का सरईपाली में एक भी सदस्य नही है, केवल ढेलवाडीह में ही सबसे ज्यादा 341 सदस्य है। स्थिति यह है कि महाप्रबंधक कार्यालयए, सुराकछार, रजगामार व मानिकपुर में संगठन का आंकड़ा दहाई में ही सिमट कर रह गया है।
खास बात यह है कि गेवरा व दीपका में एचएमएस नंबर वन पर पिछले कई साल से काबिज है, एसईसीएल कोरबा क्षेत्र में चौथे स्थान पर बनी हुई है। तीसरे स्थान पर बीएमएस 1564 सदस्यों के साथ है। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि श्रमिक संघ सीटू द्वारा सदस्यता अभियान चला कर स्वयं रसीद काटी जाती है, इससे संगठन के सदस्य सीधे जुड़े हुए हैं। जबकि शेष चारों संगठन अपने सदस्यों का नाम प्रबंधन को सौंपते हैं। इसके बाद प्रबंधन प्रत्येक कर्मचारियों से प्रत्यक्ष चर्चा कर उनकी मंशा पूछती है कि वह किस संगठन से जुड़े है। कर्मचारियों के बताने के बाद ही उनका नाम संबंधित यूनियन के साथ जोड़ा जाता है और कर्मियों के वेतन से सदस्यता शुल्क की राशि कटौती कर संगठन के खाते में जमा की जाती है।