November 21, 2024
हर सोमवार

💚🌑छत्तीसगढ़ में गौठानों की योजना से गांधी के ग्रामीण स्वराज का मौलिक अभ्यूदय,,,,,,,,

‘हमर छत्तीसगढ़’ के गांवों में गांधी-युग की शुरुआत हो चुकी है।हमर छत्तीसगढ़ में भूपेश- सरकार की अव्वल योजनाओं में गौठान निर्माण,गौठानों को स्वावलम्बी बनाना तथा गौठानों से जुड़ी महिलाओं की स्व-सहायता समूहों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने की योजनाओं का मौलिक स्वरूप उभरकर सामने आ रहा है।जिसके माध्यम से किसान-भाइयों ने गौठानों को करोड़ों का “पैरादान” कर अभूतपूर्व उदाहरण भी पेश कर दिया है। हमर छत्तीसगढ़ भी गांवों में बसता है,जहां भूपेश-सरकार द्वारा 10,591गांवों में गौठान- निर्माण की मंजूरी दी जा चुकी है और 7,933 गौठानों का निर्माण पूरा हो चुका है जबकि 2300 गौठानों का तेज़ी से निर्माण कराया जा रहा है और शेष 358 गौठानों का निर्माण कराया जाना है।

हमर छत्तीसगढ़ राज्य में सक्रिय रूप से संचालित 07933 गौठानों में से 02201 गौठान पूर्ण रूप से स्वावलम्बी हो गए है और इन स्वावलम्बी गौठानों में गोबर खरीदी से लेकर वर्मी कम्पोस्ट(खाद) निर्माण के लिए स्वयं के पास उपलब्ध धनराशि का सदुपयोग होने लगा है।हमर छत्तीसगढ़ में प्रथम रूप से रायगढ़ जिले के सर्वाधिक 0249 ,महासमुंद व कोरबा ज़िलों में 0170-0170 गौठान तथा कबीरधाम ज़िले के 0141 गौठान स्वावलम्बी हुए हैं। इस अव्वल दर्जे की गौठान-निर्माण योजना का मुख्य उद्देश्य ही यही है कि राज्य में पशुधन के संरक्षण- संवर्धन को बढ़ावा देना है,जिसमें इन गौठानों में पशुधन की देखरेख के साथ उनके लिए चारा-पानी और उपचार की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है। मुख्य मंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के किसान भाइयों से की गई अपील पर गौठानों में गोधन-चारे की व्यवस्था के लिए किसानों द्वारा अब तक 07 लाख 32 हज़ार 886 किंवटल “पैरा-दान” कर चुके हैं। भूपेश बघेल ने किसान भाइयों से पैरा दान करने तथा पराली ना जलाने की पुरज़ोर अपील की थी ताकि गौठानों में पशुधन-चारे का पर्याप्त प्रबंध करने में सहूलियत हो सके।राज्य में पैरा 200 रुपए की दर से 07,32,886 किवंटल की लागत करीब 20 जरोड आंकी गई है। पैरादान से लेकर पशुधन के लिए हरे- चारे के लिए हाइब्रिड नेपियर ग्रास रोपण कर अन्य चारे की बुआई भी की जा रही है।अब इन गौठानों ने आर्थिक-समृद्धि की दिशा में भी कदम बढ़ा लिया है,जिनमें मुख्य भूमिका महिला स्व-सहायता समूहों की जुड़ी हुई है। इस योजना के लिए प्रारम्भ से ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा यही रही है कि गौठानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाए।अब यही गौठाने भूपेश सरकार की मंशा साकार होने की राह पर चल पड़े हैं। इससे ग्रामीणों को सहजता से रोज़गार मिलने के साथ-साथ उनकी आय में भी वृद्धि हुई है। बताया जा रहा है कि गौठानों से जुड़ी 11 हज़ार से अधिक महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा गौठानों में विभिन्न प्रकार की रोज़गार-मूलक गतिविधियां संचालित कर अब तक 50 करोड़ 57 लाख रुपए से अधिक की आय अर्जित कर चुकी हैं। गौरतलब है कि हमर छत्तीसगढ़ सरकार की सुराजी गॉंव योजना और गोधन न्याय योजना का ग्रामीण जनजीवन में बदलाव करने के साथ ही ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था को गतिशील बनाने में काफी मददगार साबित हो रही है।सबसे बड़ी बात यह भी है कि पूरे देश में गोधन न्याय योजना के रूप में एक आदर्श योजना की तरह जमकर सराहना की जा रही है।चाहे 2 रुपए किलो में गोबर खरीदी हो, चाहे वर्मी कम्पोस्ट, सुपर फास्फेट, सुपर कम्पोस्ट प्लस के निर्माण के साथ-साथ अन्य उत्पादों का निर्माण महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा किया जा रहा है।इन महिला समूहों द्वारा वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन से 29 करोड़ 46 लाख की राशि लाभांन्स के रूप में प्राप्त हुई है। महिला समूहों द्वारा सामुदायिक बाड़ी की योजना के माध्यम से सब्ज़ी उत्पादन कर 05 करोड़ 43 लाख रुपए, मछलीपालन से 02 करोड़ 31 लाख, बकरी पालन से 01 करोड़ 14 लाख,मुर्गी पालन से 01करोड़ 09 लाख रुपए, पशुपालन से 70 लाख, गोबर से दीया, अगरबत्ती, गमला, मुर्तियाँ अन्य सामग्री से 74 लाख तथा अन्य आय मूलक गतिविधियों से 09 करोड़ 70 लाख रुपए की आय अर्जित की जा चुकी है। हमर छत्तीसगढ़ में 11हज़ार 463 महिला स्व- सहायता समूहों से 77 हज़ार से अधिक सदस्य इससे जुड़ी हुई हैं।इन गौठानों को और अधिक आय-मूलक, रोज़गार-मूल्क बनाने इन्हें “रूरल इंडस्ट्रियल पार्क” के रूप में विकसित किया जा रहा है। गौठानों में गोबर खरीदी से विद्युत उत्पादन किया जाने लगा है। गोबर से प्राकृतिक पेंट के निर्माण के लिए तीन यूनिटें लगाई जाने की प्रक्रिया जारी हैं। इसके लिए गौ सेवा आयोग तथा करियप्पा नेशनल पेपर इंस्टीयूट जयपुर के बीच “एम ओ यू” हो चुका है। अब किसानों द्वारा उत्पादित दलहन, तिलहन की प्रोसेसिंग के लिए गौठानों में दाल मिल व तेल मिल की स्थापना की जा रही है। इसके लिए पहले चरण में 148 गौठानों में तेल मिल,188 गौठानों में दाल मिल लगाने की कार्य-योजना शुरू की जा रही है, ताकि इससे जुड़ी महिला स्व-सहायता समूहों के साथ उत्पादक किसानोँ की आय बढ़ सके।

💚🌑रायपुर ज़िले में 5 हज़ार की क्षमता की नई जेल निर्माण की दिशा में ठोस पहल,,,,,,,,,,

‘हमर छत्तीसगढ़’ की राजधानी रायपुर में सबसे बड़ी जेल ‘रायपुर सेंट्रल जेल’ करीबन 150 वर्षों से संचालित है,जहाँ 1690 कैदियों के मुकाबले लगभग दुगुनी क्षमता से कोई 3200 कैदियों को निरुद्ध किया जा रहा है।वहीं,प्रति कैदी के लिए निर्धारित 41.80 वर्गमीटर की उपलब्धता इस वर्तमान जेल में नहीं हो पा रही है,जिसकी वजह से नई विशाल जेल के निर्माण की सख्त ज़रूरत महसूस की जाने लगी है।भूपेश सरकार ने इस दिशा में सकारात्मक कदम उठा लिया है। यहां गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के अलावा राष्ट्रीय व राज्य मानवाधिकार आयोग द्वारा भी समय -समय पर जेलों में अंदरूनी हालातों पर सुधार लाने कहा जाता रहा है। इसी दृष्टि से भूपेश सरकार ने रायपुर ज़िले के आरंग विकासखंड के गांव “गोढ़ी” में लगभग 85 एकड़ रकबे में 5 हज़ार कैदियों की क्षमता की नई जेल बनाई जाएगी, जहां कैदियों के लिए आवश्यक चिकित्सा, पेयजल व अन्य मूलभूत ज़रूरतों की सुविधाओं की व्यवस्था रखी जाएगी।इस दिशा में छत्तीसगढ़ के अपर मुख्य सचिव (गृह) सुब्रत साहू ने ग्राम गोढ़ी में ‘स्थल का मुआयना’ किया और राजस्व व लोक निर्माण विभागों को एक सप्ताह में कार्य-योजना प्रस्तुत करने निर्देशित किया है। ग्राम गोढ़ी में स्थल निरीक्षण के दौरान जेल व सुधारात्मक सेवाएं के महानिदेशक संजय पिल्ले, जेल के उप महानिरीक्षक डॉ के के गुप्ता, अपर कलेक्टर रायपुर गोपाल वर्मा, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अतुल विश्वकर्मा, तहसीलदार मंदिर हसौद मीना साहू, कार्यपालन अभियंता आर के गौर, अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण, रायपुर संभाग क्रमांक-1 सी एस चंद्राकर एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी रही।

💚🌑छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना की गणतंत्र-झांकी ने पूरे देश को साक्षी बना लिया,,,,,,,

‘हमर छत्तीसगढ़’ की “गोधन न्याय योजना” की गणतंत्र-झांकी ने राजपथ पर मनोरम तरीके से ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था की झलक को हज़ारों दर्शकों की सराहना मिली उससे भूपेश-सरकार की चमक-धमक पूरे देश में बढ़ गई है।गोधन न्याय योजना की गणतंत्र-झांकी में कलाकारों ने गांव व गौठानों की पृष्ठभूमि और उससे जुड़ी पारम्परिक अर्थ-व्यवस्था को बड़ी सहजता-सरलता से प्रदर्शित किया।छत्तीसगढ़ की गणतंत्र-झांकी को खास-तौर पर हमारे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित केबिनेट के सारे मंत्रियों और हज़ारों दर्शक एकसाथ साक्षी बने।गोधन न्याय योजना की गणतंत्र-झांकी के माध्यम से भूपेश सरकार की गांव-गौठानों, ग्रामीण संसाधनों की उपयोगिता के पारंपरिक ज्ञान और वैज्ञानिक सोच-समझबूझ का जबरदस्त समन्वय इस गणतंत्र-झांकी के ज़रिए प्रदर्शित किया गया।जिसमें गोबर खरीदी से जुड़े उत्पादों की उपयोगिता व सहजता से आय वृद्धि,जैविक खेती,रोज़गार व आय में बढोतरी के लिए उद्यम आदि को प्रदर्शित कर पूरे देश को एक साथ साक्षी बना लिया।इस सम्पूर्ण गोधन न्याय योजना की गणतंत्र- झांकी में जनसम्पर्क आयुक्त दीपांशु काबरा के नेतृत्व सहित जनसम्पर्क विभाग की पूरी टीम सराहना की पात्र है।

💚🌑छत्तीसगढ़ में भी 5 दिनों का “कार्य-दिवस” घोषित, 22 फरवरी 2022 से नई व्यवस्था लागू होने की संभावना,,,,,,,,

‘हमर छत्तीसगढ़’ में भी पड़ौसी राज्यों की तरह सरकारी व्यवस्था 5 दिन का कार्य-दिवस किए जाने की घोषणा गणतंत्र दिवस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की थी।अब इस नई व्यवस्था के संभवतः आगामी 22 फरवरी20222 से लागू किए जाने का ऐलान किया गया है।इसका सीधा अर्थ है कि अब छत्तीसगढ़ राज्य में शासकीय अधिकारी-कर्मचारी सरकारी कामकाज सप्ताह में 5 दिन यानी सोमवार से शुक्रवार तक करेंगे और शनिवार व रविवार को अवकाश रहेगा।इस नई व्यवस्था का सीधा आशय यह है कि नया रायपुर के कार्यालयों से लेकर ज़िलों के मैदानी कार्यालयों में भी ये व्यवस्था लागू रहेगी और सामान्य प्रशासन विभाग ने उक्ताशय का ड्राफ्ट तैयार कर मुख्यमंत्री को भेज दिया है और अब इसे ‘राजपत्र’ में प्रकाशित भी किया जाएगा।इससे पहले इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए केबिनेट के पास भेज जाएगा,तभी यह सिस्टम लागू किया जाएगा।यहां यह भी बताया जा रहा है कि 22 फरवरी 2022 से लागू करने की तिथि सामान्य प्रशासन(जी डी ए)ने दी है वह फिक्स नहीं है।इस नई कामकाज व्यवस्था में सिर्फ आधा घण्टा का कार्य-समय बढ़ाया गया है,अर्थात ऑफिसों में कार्य सुबह 10 बजे से शाम 5.30 बजे का रहेगा।गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ से पहले यह व्यवस्था मध्यप्रदेश में भी लागू है। इसके अलावा महाराष्ट्र, गोवा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश में भी 5 दिन का वर्किंग सिस्टम लागू है।

💚🌑चर्चित ख़बरें जो बनीं सुर्खियां,,,,

🌑मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जगदलपुर में गणतंत्र दिवस पर शहीद गुंडाधुर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अर्पित किए श्रद्धा-सुमन,🌑राज्यपाल सुश्री अनुसूइया उइके ने गणतंत्र दिवस पर वीर बच्चों को वीरता पुरस्कार व उत्कृष्ट कार्य के लिए अधिकारियों को किया सम्मानित🌑छत्तीसगढ़ में अब तक 90.20 लाख मिटरिक धान की खरीदी🌑गरियाबंद ज़िला पुलिस ने शातिर तस्कर से बरामद किया 5 लाख कीमत का जीवित दुर्लभ पेंगोलिन🌑दुर्ग ज़िला पुलिस की साइबर सेल की बड़ी सफलता वर्ष 20-21 में गुम लगभग 19 लाख के 120 नग मोबाइल की खोजकर मोबाइल धारकों को वापस किए🌑भिलाई-तीन पुलिस ने 10 बड़े जुआरियों के फड़ को ध्वस्त कर 11 लाख रुपए ज़ब्त किए,,,,,,,

💚🌑मध्यप्रदेश के सिवनी शहर के युवा शायर ‘मिन्हाज कुरैशी फरमाते हैं,,,,
“सभी किस्मों के फूलों का है गुलशन ये वतन अपना,,,/
यहीं ग़ालिब यहीं तुलसी यहीं रसखान रहते हैं,,,,//💚🌑

आसिफ़ इक़बाल, सम्पर्क- 094252 02561

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