November 25, 2024

भू-विस्थापितों ने प्रबंधन पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप, दो घंटे घेर कर रखा गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय

कोरबा 6 फरवरी। एसईसीएल प्रबंधन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए भू- विस्थापितों गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव कर दिया। दो घंटे तक चले घेराव की वजह से कोई भी अधिकारी न तो अंदर जा सका और नहीं बाहर निकल सका। बाद में प्रबंधन को ज्ञापन सौंप कहा गया कि जिन बिंदुओं पर चर्चा कर सहमति बन चुकी हैए उन्हें जल्द पूरा किया जाए।

साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड एसईसीएल गेवरा परियोजना के महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष उर्जाधानी भू-विस्थापित किसान कल्याण समिति के कार्यकर्ता ग्रामीणों के साथ पहुंच गए और नारेबाजी व हंगामा कर गेट जाम कर दिया। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि गत नौ नवंबर को बोर्ड आफ डायरेक्टर्स के साथ 15 सूत्रीय मांगो पर वार्ता हुई थी और इसमें कई मांग पूरा करने का आश्वासन दिया गया था, पर अभी तक धरातल में कार्रवाई शुरू नहीं की गई। प्रबंधन द्वारा समस्या निदान करने पहल नहीं की जा रही है। इससे भू-विस्थापितों की समस्या का निदान नहीं हो रहा है। प्रबंधन यदि समस्या का निदान नहीं करती है तो खदान बंद कराया जाएगा। साथ ही सभी परियोजना महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन कर घेराव किया जाएगा। आंदोलन के बाद संगठन कार्यकर्ताओं ने प्रबंधन को पुनः मांग पत्र सौंपा। आंदोलन की वजह से महाप्रबंधक कार्यालय में कार्यरत कर्मियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

प्रमुख मांगः-ग्राम पंचायत आमगांव एवं आश्रित मोहल्ला जोकाहीडबरी, दर्राखांचा के रोजगार, बसाहट और मुआवजा देने,दस्तावेज के नाम पर बसाहट अथवा बसाहट के बदले दी जाने वाली मुआवजा राशि नही देने का नियम रदद् कर ऐसे भू-विस्थापितों को राजस्व विभाग की आदेश व मकान नापी के आधार पर तत्काल भुगतान किया जाए। संगठन द्वारा सौंपे गए बेरोजगार सूची में शामिल लोगों को वैकल्पिक रोजगार देने। परियोजना, एरिया स्तर पर पुनर्वास समिति एवं ग्राम समितियों का गठन करने। छोटे-बड़े सभी खातेदारों को रोजगार की व्यवस्था करने। लंबित रोजगार, मुआवजा, बसाहट के प्रकरणों का निराकरण करने। गांव की आंशिक जमीन अधिग्रहण पर रोक लगाने। प्राथमिक स्तर से उच्च शिक्षा तक निश्शुल्क पढ़ाई लिखाई की व्यवस्था करने। जिला खनिज न्यास निधि का नियम के अनुरूप प्रभावित ग्रामों में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार देने। राजस्व संबंधी समस्याओं का गांव में शिविर लगाकर समाधान करने।

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