आफलाइन परीक्षा के विरोध में एनएसयूआइ के कार्यकर्ताओंं ने नारेबाजी कर किया प्रदर्शन
कोरबा 16 फरवरी। कोरोना संक्रमण काल में आफलाइन परीक्षा लिए जाने पर भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन एनएसयूआइ के कार्यकर्ताओं ने महाविद्यालय के समक्ष प्रदर्शन कर नारेबाजी की। उनका कहना था की आनलाइन परीक्षा ली जाए, ताकि विद्यार्थी कोरोना से प्रभावित न हो।
शासकीय इंजीनियरिंग विश्वरैय्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय पीजी महाविद्यालय के समक्ष एनएसयूआइ के प्रदेश अध्यक्ष नीरज पांडे, प्रदेश उपाध्यक्ष अमित शर्मा, दिवाकर राजपूत, जुनैद मेमन की अगुवाई में घेराव किया गया। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण का खतरा अभी पूरी तरीके से टला नही है और अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय द्वारा अगर आफलाइन एग्जाम लिया जाता है तो कोविड.-19 की चपेट में काफी संख्या में छात्र-छात्राएं आ जाएंगे। इसकी मुख्य वजह यह है कि परीक्षा देने सभी क्षेत्र से काफी संख्या में छात्र-छात्राएं कालेज में उपस्थित होंगे और इससे संक्रमण का खतरा नियमित बना रहेगा। इस दौरान किसी छात्र- छात्राओं को संक्रमण होता है, तो उसकी पूरी जवाबदारी यूनिवर्सिटी अटल बिहारी वाजपेई प्रशासन की होगी। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राएं परीक्षा से वंचित न रह जाए, इसलिए अपनी बीमारी को छुपा कर रखेंगे और ऐसे में दूसरे छात्रों से संपर्क में आकर भी संक्रमित होंगे। इतना ही नहीं उनके संपर्क में रहने से उनके स्वजनों को भी संक्रमण का खतरा लगातार बना रहेगा। ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो, इसके लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन को उचित निर्णय लेते हुए इस वर्ष भी आनलाइन एग्जाम लिया जाए। फर्स्ट एवं थर्ड सेमेस्टर वालों का एग्जाम आनलाइन लिया जा रहा है तो बाकी का क्यों नहीं। पदाधिकारियों ने कहा कि पहले भी आनलाइन परीक्षा के लिए ज्ञापन सौंपा जा चुका है, पर अभी तक कोई जवाब नहीं आया। आंदोलन के बाद महाविद्यालय के प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा गया।
इस दौरान ज्योति केवट, सुमन सारथी, तमन्नाा श्रीवास, आरती गोस्वामी, तनु शर्मा, रुचि सोनवानी, निधि कुरील सफीना अंसारी, राहुल जायसवाल, अभिजीत सिंह, आशीष कुमार, रितेश पांडे, आयुष तिवारी, आयुष गुप्ता, पपलू उन्मेश, डीके तिवारी, देवेंद्र सिंह, निखिल, शिवम श्रीवास्तव, परमेश्वर, दीपक मिश्रा, शुभम गुप्ता, दुर्गेश सिंह, कान्हा राजपूत, योगेश जायसवाल समेत काफी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि यदि मांगों को नजर अंदाज किया जाता है तो हर महाविद्यालय व विश्वविद्यालय में उग्र आंदोलन किया जाएगा।