नेहरू सेंचुरी हॉस्पिटल में पैथोलॉजी टेस्ट की सुविधा, एक घंटे में होगी 200 जांच
कोरबा 16 फरवरी। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड गेवरा क्षेत्र स्थित नेहरू सेंचुरी हॉस्पिटल में पैथोलॉजी टेस्ट की सुविधा बढ़ाई गई है । ईआरबीए कंपनी की ओर से यहां पर नवीन बायो केमिस्ट्री एनालाइजर लेबोरेटरी की स्थापना की गई। 42 प्रकार की जांच की सुविधा इसमें शामिल है। एसईसीएल के स्वास्थ्य सेवाएं प्रमुख डॉ मधुकर टिकास ने अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में इस स्वास्थ्य सेवा का शुभारंभ किया। कई तरह की विशेषताओं से युक्त लैबोरेट्री का शुभारंभ होने से कर्मचारियों को काफी लाभ होंगे।
एनसीएच गेवरा को पहले से ही मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल का दर्जा दिया गया है और यहां पर एसईसीएल के अधिकारियों और कर्मचारियों सहित उनके परिजनों के उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई गई। यहां पर कुछ और सेवाओं के विस्तार की आवश्यकता महसूस की जा रही थी और इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे थे। स्थानीय स्तर से की गई पहल के बाद कंपनी प्रबंधन ने इस मामले को गंभीरता से लिया। इसी के अंतर्गत इस हॉस्पिटल में बायो केमिस्ट्री एनालाइजर लेबोरेटरी स्थापित की गई। हॉस्पिटल परिसर में इस के शुभारंभ के लिए एक संक्षिप्त कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रबंधन के बुलावे पर साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के स्वास्थ्य सेवाएं प्रमुख डॉक्टर मधुकर टिकास, अरिहंत जैन और एनसीएच गेवरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एके बहरा ने फीता काटकर नवीन लेबोरेटरी का शुभारंभ किया। इसके तुरंत बाद अधिकारियों ने नवीन सेवाओं की उपयोगिता वाले परिसर का अवलोकन किया। सर्विस प्रोवाइडर के द्वारा यहां की फंक्शनिंग के बारे में जानकारी दी गई। इस मौके पर डॉ मिथिलेश प्रसादए डॉ अनुज मोहन, लैब टेक्नीशियन विजय किरण पॉल, मुजीबुर्रहमान, पुरूषोत्तम,आनंद तिवारी सहित पैथोलॉजी डिपार्टमेंट के कर्मचारी और अन्य सहयोगी उपस्थित रहे।
गेवरा क्षेत्र के मुख्य चिकित्सालय में जो प्रयोगशाला स्थापित की गई है वह विभिन्न पैरामीटर्स के अनुकूल है और बेहतर परिणाम देने वाली है। बताया गया कि यहां पर 42 प्रकार की पैथोलॉजी जांच करने की सुविधा दी गई हैं। जबकि 1 घंटे के अंदर यहां के चिकित्सकीय उपकरणों के माध्यम से 200 जांच की जा सकती है। कॉल सेक्टर के विभागीय चिकित्सालय में दी गई नई सेवा को कर्मचारी कल्याण के मामले में बेहद महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इसकी स्थापना होने से कर्मचारियों को अस्पताल आने और डॉक्टर के परामर्श के बाद पैथोलॉजी जांच के मामले में समय की बचत होगी। उनका समय बचेगा और रुपए भी। इससे पहले सुविधा के अभाव में लोगों को कोरबा के चक्कर लगाने पड़ते थे और इस वजह से मानसिक और आर्थिक समस्याएं झेलनी पड़ती थी।