शाला प्रबंध समिति की अनुमति, 40 दिन बाद खुली छोटे बच्चों की स्कूल
कोरबा 20 फरवरी। कोरोना काल के कारण 40 दिन से बंद कक्षा पहली से सातवीं तक स्कूल शनिवार को खुल गई। शाला प्रबंध समिति से अनुमति होने के बाद भी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति औसतन कम रही। सोमवार से उपस्थिति बढ़ने की संभावना है।
प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में आफलाइन और नियमित पढ़ाई शनिवार को शुरू हुई। कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारणर सात जनवरी से कक्षा पहली से बारहवीं की कक्षाएं बंद कर दी गई थी। राज्य शासन ने एक फरवरी से आठवीं से बारहवीं की कक्षाएं खोलने की अनुमति दे दी थी। कक्षा पहली से सातवीं को नहीं खोला गया था। इसके लिए कोरोना संक्रमण कम होने का इंतजार किया रहा था। संक्रमण कम होते ही प्रशासन ने शुक्रवार को स्कूल खोलने की अनुमति जारी कर दी। 40 दिन बाद स्कूल खुलने से शत. प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति का अनुमान लगाया जा रहा था, लेकिन औसतन 25 फीसद बच्चों की उपस्थिति रही। जिला शिक्षा अधिकारी जीपी भारद्वाज ने बताया कि स्कूल खोलने के लिए शाला प्रबंध समिति की अनुमति अनिवार्य है। जिले के लगभग सभी शाला प्रबंधन समितियों ने शाला संचालन की अनुमति दे दी है। सप्ताह का अंतिम दिन होने के कारण बच्चों की उपस्थिति कम रही। अभी भी अभिभावकों को संक्रमण बढ़ने को लेकर संशय बना हुआ है। शहरी व उपनगरीय क्षेत्र की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बेहतर रही। सोमवार को बच्चों की संख्या बढ़ने की संभावना है। जिले में 1526 प्रायमरी व 513 मिडल स्कूलों का संचालन हो रहा है। सभी स्कूलों में कक्षा संचालन की अनुमति मिलने से अध्यापन कार्य में भी प्रगति आने की संभावना बढ़ गई है। कक्षा संचालन शुरू होने से मध्यान्ह भोजन की भी शुरूआत हो गई। सरकारी स्कूलों की तरह निजी स्कूलों में भी छोटे बच्चों उपस्थिति सामान्य रही।
कोरोना संक्रमण ने स्कूल से बच्चों की दूरियां बढ़ा दी है। शिक्षा की नींव कहे जाने वाले प्राथमिक कक्षा के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। इसे समस्या को दूर करने के लिए अंगना म शिक्षा कार्यक्रम जिला शिक्षा विभाग की ओर से शुरू की गई। जिला शिक्षा अधिकारी की माने तो इस योजना के तहत शिक्षित माहिलाओं को घर में ही बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही स्वस्थ होने पर ही बच्चों को स्कूल भेजने व बच्चों को कोविड नियम पालन करने के लिए प्रेरित करने कहा जा रहा।