अगरबत्ती के राख से बनाये रंगीन चाक, दो छात्राओं ने राष्ट्रीय स्तर पर किया प्रदर्शन
कोरबा 21 फरवरी। छत्तीसगढ़ काउंसिल आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी विभाग रायपुर एवं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा प्रतिवर्ष 6 से 17 आयु वर्ष के बच्चों में वैज्ञानिक जागरूकता उत्पन्न करने एवं उन्हें बेहतर प्लेटफार्म उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बाल विज्ञान कांग्रेस का आयोजन किया जाता है।
इस वर्ष राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस की राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिता गुजरात काउंसिल आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी द्वारा अहमदाबाद में आयोजित की गई। पूरे देश में कोविड.19 को ध्यान में रखते हुए यह प्रतियोगिता वर्चुअल मोड में आयोजित की गई, जिसमें पूरे देश के चयनित बाल वैज्ञानिक व विदेशों से बाल वैज्ञानिको ने इस गौरव पूर्ण प्रतियोगिता में प्रतिभागिता की। छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिनिधित्व कोरबा जिला से कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय कोरबा की कक्षा आठवीं की कुसुम और नेहा गोस्वामी ने करते हुए विषय अगरबत्ती की राख से बना रंगीन चौक पर अपनी प्रस्तुति दी। शिक्षिका निशा पाटील सोनारे के मार्गदर्शन में छात्राओं ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। निर्णायकों द्वारा छात्राओं से प्रोजेक्ट के संबंध में प्रश्न पूछे गए कि उनके द्वारा प्रतिदिन कितनी राख एकत्र की जाती है। चाक में अगरबत्ती की राख और प्लास्टर आफ पेरिस का कितना प्रतिशत होता है। उनके द्वारा छात्राओं से बोर्ड पर चाक से लिख कर दिखाने के लिए भी कहा गया। निर्णायकों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का छात्राओं ने आत्मविश्वास से जवाब दिया। विद्यालय के समस्त स्टाफ जिला समन्वयक डा फरहाना अली और जिला शैक्षिक समंवयक कामता प्रसाद जायसवाल ने उन्हें सहयोग दिया। कुसुम ने अपने शोध कार्य में अपशिष्ट समझे जाने वाली अगरबत्ती की राख से रंगीन चौक का निर्माण कर उसे अपने ही विद्यालय में हर विषयों में बनाए जाने वाले चित्र का प्रयोग ब्लैक बोर्ड पर किया और सभी को प्रेरित किया कि यह कार्य हम सभी अपने घर में कर सकते हैं । यदि चौक का सांचा उपलब्ध न हो तो स्वनिर्मित सांचा बना कर भी हम चाक बना सकते है। बाल वैज्ञानिकों की इस उपलब्धि पर जिला शिक्षा अधिकारी जी पी भारद्वाज डीएमसी एस के अम्बष्ट ने छात्राओं की प्रशंसा की है।