December 24, 2024

एसईसीएल ने दिया नौकरी और मुआवजा का भरोसा, प्रदर्शन समाप्त

कोरबा 6 मार्च। एसईसीएल ने आखिरकार एक मामले में पीड़ित को नौकरी और मुआवजा देना तय किया। इस आश्वासन के साथ गेवरा खदान के पास चल रहा प्रदर्शन समाप्त हो गया। इससे पहले भूमिस्वामी के प्रदर्शन के कारण खदान क्षेत्र में ओबी और अन्य गतिविधियां बाधित रहीं।

साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड एसईसीएल की गेवरा खदान में ग्राम रलिया निवासी प्रदीप राठौर पिता स्व भैयाराम राठौर के भूमि को वर्ष 2004 व 2009 के दौरान कुल तीन एकड़ आठ डिसमिल जमीन को अधिग्रहण कर लिया गयाए पर अभी तक न तो नौकरी दी गई और नहीं ना ही मुआवजा। इससे प्रभावित ग्रामीण काफी परेशान रहा और एसईसीएल कार्यालय का चक्कर काटते रहा। इस बीच प्रबंधन ने बिना सूचना दिए मिट्टी खुदाई का काम चालू कर दिया। इसकी जानकारी मिलते ही भू-स्वामी प्रदीप राठौर स्थल पर पहुंचा और मिट्टी खुदाई कर रही सावेल मशीन समेत अन्य भारी वाहनों को बंद कराया। उसका कहना है कि एसईसीएल उसकी जमीन के समीप पहुंच चुका है और कभी भी खोदाई का काम कर सकता है। ऐसी स्थिति में उसे न तो मुआवजा मिलेगा और नहीं पुनर्वास व नौकरी। प्रबंधन पहले उसकी समस्या का निदान करे, उसके बाद काम शुरू कर दिया जाएगा। राठौर अपने खेत के समीप बैठ गयाए, ताकि काम आगे न बढ सके। उत्खनन काम बंद होने से एसईसीएल की ओर से कोई भी सक्षम अधिकारी वार्ता करने सामने नहीं आ रहा।

इधर कामकाज बाधित होने से कई प्रकार की दिक्कतें खड़ी होने से उपर के अधिकारी सख्ते में आए। बताया गया कि उच्च स्तर से निर्देश मिलने पर अधिकारियों ने इलाके का जायजा लिया और संबंधित भूमि स्वामी बातचीत की। समस्या जानने के साथ उसे आश्वस्त किया गया कि एक सप्ताह के भीतर प्रकरण का निपटारा हर हाल में कर दिया जाएगा। इस पर भरोसा करते हुए प्रदर्शन को समाप्त कर दिया गया।

एसईसीएल से प्रभावित राठौर परिवार का कहना है कि तीन एकड़ से ज्यादा जमीन खनन क्षेत्र में आ रही है। कई वर्ष पहले इस मामले का समाधान हो जाना था लेकिन बार-बार एक्ट की आड़ लेकर भ्रमित किया जाता रहा है। हमने अपनी बात हर स्तर पर बता दी है। मुआवजा और दूसरी सुविधाएं भी हमें चाहिए। यथारूप में परिणाम नहीं आने पर फिर पुराने ढर्रे पर आना होगा।

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