सिंघाली माइंस को संरक्षा पुरस्कार देगा श्रम मंत्रालय
कोरबा 6 मार्च। कोरबा जिले में एसईसीएल की सिंघाली भूमिगत माइंस को राष्ट्रीय श्रम मंत्रालय के संरक्षा पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। इसी कंपनी की सात और खदानें इस पुरकस्कार की पात्र मानी गई हैं। इसी महीने यह पुरस्कर दिया जाएगा।
बताया गया कि इनमें कोल इंडिया की सबसे बड़ी अनुषांगिक कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की आठ खदानें भी सम्मिलित हैं। आठ मार्च को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में चयनित खदानों के प्रबंधन को यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इस समारोह में चार साल 2017, 2018, 2019 एवं 2020 के पुरस्कार दिए जाएंगे। राष्ट्रीय खान सुरक्षा पुरस्कार केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा दिया जाता है। एसईसीएल की इन खदानों को पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। राजेन्द्र भूमिगत 2017, सिंघाली भूमिगत 2018, चरचा माइन आरओ 2019, कुरासिया कॉलरी 2019, कुर्जा भूमिगत कॉलरी 2019, बरतराई भूमिगत कॉलरी 2020,जगन्नाथचपुर ओपनकास्ट माइन 2020, शिवानी अंडरग्राउंड माइन को 2018 एवं 2020 के लिए दो अलग-अलग श्रेणी का पुरस्कार मिलेगा।
लंबे समय से दुर्घटना रहित खदान, न्यूनतम इंज्यूरी तथा इसी श्रेणी में न्यूनतम इंज्यूरी रेट के आधार पर राष्ट्रीय खान सुरक्षा पुरस्कार प्रदान किया जाता है। पुरस्कार के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत करना होता है। कोल सेक्टर में शून्य दुर्घटना लक्ष्य के अंतर्गत काम करने को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके अंतर्गत कई प्रकार के तौर तरीके अपनाए जा रहे हैं। सिंघाली माइंस को पुरस्कृत किये जाने के पीछे इस मानक की भूमिका रही है। प्रबंधन के अधिकारियों ने एसईसीएल माइंस को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुने जाने पर खुशी जताई है। कहा गया है कि इससे कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया जाना संभव होगा और नए उत्पादन लक्ष्य की पूर्ति के लिए प्रेरणा प्राप्त होगी।