हाथी के हमले में घायल ग्रामीण ने उपचार के दौरान दम तोड़ा
कर्मचारी हड़ताल पर, बढ़ी समस्या
कोरबा 22 मार्च। जिले के पसान वन परिक्षेत्र में होली के दिन दंतैल हाथी के हमले में घायल हुए ग्रामीण ने बीती रात सिम्स अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। परिजनों द्वारा सूचना दिए जाने पर वन विभाग के अधिकारी आज सुबह मृतक के गांव पहुंचे और उनके परिजनों को ढांढस बंधाने के साथ ही तत्कालिक सहायता राशि रुपए 25 हजार उपलब्ध कराई।
जानकारी के अनुसार वनमंडल कटघोरा के पसान परिक्षेत्र के कुम्हारीसानी गांव में भर्रापारा में दो दंतैल हाथी 18 मार्च होली के दिन अचानक धमक गए थे। जिससे ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई थी। ग्रामीणों द्वार सूचना दिए जाने पर वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मौके पर पहुंचे। अभी वे ग्रामीणों के साथ मिलकर दंतैल को भगाने की कोशिश कर रहे थे और एक दंतैल का पीछा करते हुए उसे खदेड़कर जंगल की ओर भगा ही रहे थे कि जंगल में छिपे दूसरे दंतैल ने नारायण सिंह पिता आनंद गोंड़ उम्र 32 वर्ष नामक ग्रामीण पर हमला कर दिया। जंगली जानवर ने उसे सूंड से उठाकर पटक दिया। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। मौके पर मौजूद वन विभाग के कर्मचारियों व ग्रामीणों ने किसी तरह हमलावर दंतैल को वहां से भगाया। तत्पश्चात् घायल को सरकारी वाहन से गौरेला जिला अस्पताल पहुंचाया। गौरेला जिला अस्पताल में दो दिनों तक गहन चिकित्सा के बावजूद भी जब घायल ग्रामीण के स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ तो डॉक्टरों ने उसे सिम्स अस्पताल बिलासपुर रेफर कर दिया। जहां उपचार के दौरान ग्रामीण की मौत हो गई। इसकी सूचना उसके परिजनों द्वारा तत्काल वन विभाग को दी गई जिस पर पसान रेंजर धर्मेन्द्र चौहान ने आज मृतक के गांव भर्रापारा पहुंचकर उसके परिजनों को तत्कालिक सहायता राशि रूपए 25 हजार उपलब्ध कराई।
रेंजर श्री चौहान ने बताया कि इस तरह के मामले में शासन की ओर से 6 लाख रुपए का मुआवजा पीड़ित परिवार को दिया जाता है। फिलहाल विभाग ने 25 हजार रुपए की सहायता राशि उपलब्ध कराई है। शेष राशि 5 लाख 75 हजार रुपए का भुगतान प्रक्रिया पूरी करने के बाद शीघ्र ही किया जाएगा। उधर दंतैल हाथी यहां पर हमला करने के बाद मरवाही रेंज चला गया था जो रविवार को फिर क्षेत्र में आ गया। दंतैल हाथियों को सोमवार की सुबह अमझर के पास ललमटिया पंडोपारा में विचरण करते हुए देखा गया। रात होने पर हाथियों ने अपना लोकेशन बदला। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक वन विभाग के अधिकारी दंतैल का लोकेशन पता लगाने में लगे रहे लेकिन हाथियों का पता नहीं चल सका है। इस काम में बाधा आ रही है क्योंकि क्षेत्र के वन कर्मचार 12 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। ग्रामीणों को ही हाथियों के लोकेशन ढूढऩे में विभाग का सहयोग करना पड़ रहा है।
कटघोरा वनमंडल के ही केंदई रेंज में भी 32 हाथी घूम रहे हैं जो 4 अलग-अलग झुंडों में रेंज के कोयलारगडरा, परला व लालपुर के जंगलों में विचरणरत है। हाथियों के झुंडों में बंट जाने से निगरानी में दिक्कतें आ रही है। ग्रामीणों की सुरक्षा भगवान भरोसे हो गई है। क्योंकि वन विभाग के कर्मचारी पुरानी पेंशन लागू करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चल गए हैं। जिससे हाथियों की निगरानी ढंग से नहीं हो पा रही है। ग्रामीण सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित व भयभीत हैं। हालांकि वन विभाग के अधिकारियों ने दावा किया है कि वे हाथियों पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। वन कर्मियों के हड़ताल पर होने के कारण इस काम में गांव के प्रशिक्षित ग्रामीणों को लगाया गया है, जो हाथियों की निगरानी करने के साथ ही खबर दे रहे हैं। हाथी जंगल ही जंगल घूम रहे हैं।