October 6, 2024

नागरिक आपूर्ति निगम कोरबा में लाखों का बारदाना घोटाला, सूचना मिली है, जांच करेंगे: फूड आफिसर

कोरबा 4 अगस्त। कस्टम मिलिंग के काम में लम्बे समय से बड़े बड़े घोटाले होते आ रहे है। कभी कनकी घोटाला, कभी प्रोत्साहन राशी घपला तो कभी फर्जी बैंक गारंटी। अब कोरबा जिले में ताजा भ्रष्टाचार है- बारदाना घोटाला। बारदाना के खेल में राईस मिल मालिक और शासकीय ओहदे दारों ने शासन को लाखों रूपयों की चपत लगा दी है और अपनी जेब गरम कर ली है।
जानकारी मिली है कि इस वर्ष कोरोना संकट के बावजूद वर्ष 2019-20 में उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग का काम अब तक चल रहा है। कारण भी कोरोना संकट के चलते लागू लाॅक डाउन ही रहा। बहरहाल कस्टम मिलिंग में एक ओर जहां गुणवक्ता से खिलवाड़ कर भारी मात्रा में कनकी मिला चांवल नागरिक आपूर्ति निगम के गोदामों में जमा किया गया है, वहीं दूसरी ओर पड़ोसी जिला जांजगीर चांपा के राईस मिल मालिको ने नागरिक आपूर्ति निगम और खाद्य विभाग के अधिकारियों से सांठगांठ कर लाखों रूपयों के बारदाना घोटाला को अंजाम दे दिया है।
नागरिक आपूर्ति निगम के भीतर खाने से आ रही खबरों से पता चलता है कि -पिछले दिनों जांजगीर चांपा के राईस मिल मालिको ने भारी मात्रा में कस्टम मिलिंग का चांवल नाॅन के कटघोरा भण्डार गृह में जमा किया है। शासन के आदेशानुसार कस्टम मिलिंग का चांवल नये बारदाना में जमा किया जाना है। लेकिन जांजगीर चांपा के लगभग सभी राईस मिल मालिको ने पुराने बारदानो में कटघोरा गोदाम में चांवल जमा किया है। पूछा जा सकता है कि क्या ऐसा संभव है? इसका जवाब है- हां, अगर नागरिक आपूर्ति निगम, खाद्य विभाग और मार्कफेड के अधिकारी और कर्मचारियों से सांठगांठ कर ली जाये, तो ऐसा हो सकता है। बारदाना घोटाले में भी यही हुआ है। राईस मिल मालिकों ने शासकीय अमले के साथ मिली भगत कर इस घोटाले को अंजाम दिया है।
आपको बता दे कि यह बारदाना घोटाला इतना बड़ा है कि कोई कल्पना भी नहीं कर सकता । आप कहेंगे बारदाना में क्या घोटाला? इसे यूं समझा जा सकता है कि नया बारदाना उन्चास (49) रूपये मूल्य का है। जबकि पुराना बारदाना बारह (12) रूपये का। यानि नये की जगह पुराना बारदाना उपयोग किया जाये, तो राईस मिल मालिको को सीधे सैंतीस (37) रूपये की बचत होती है। यह अंतर की राशी हासिल की जाती है, तो यह घोटाला की श्रेणी में आयेगा। कोरबा जिलों में यही बारदाना घोटाला किया गया है और यह राशी लाखों रूपयों की है। मामले की उच्चस्तरीय जांच किये जाने पर बारदाना घोटाला के साथ गुणवत्ता में भ्र्ष्टाचार का भी पर्दाफाश हो सकता है। सूत्रों के अनुसार 35 से 40 प्रतिशत तक कनकी मिला चावल नान में जमा कराया गया है। इस सम्बंध में जिला के फूड आफिसर ए के चतुर्वेदी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि आज सुबह मौखिक सूचना मिली है। जांच कराई जाएगी। उधर नान के जिला प्रबंधक रमेश तिवारी से सम्पर्क का प्रयास किया गया लेकिन बात नहीं हो सकी।
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