November 7, 2024

Exclusive KORBA : राम वन गमन मार्ग को लेकर भाजपा नेता ने खड़े किए सवाल, कोरबा की उपेक्षा का आरोप, देवपहरी सीतामढ़ी सीताहरण स्थल पंचवटी होने का दावा

प्रभु श्री राम वन गमन मार्ग को लेकर राजनीति कर रही है भूपेश सरकार : अमित टमकोरिया

अमित टमकोरिया

बताया कोरबा जिले के इतिहास को विस्मृत करने का हो रहा प्रयास- राम वन गमन मार्ग में देवपहरी, सीतामढ़ी, सूअरओट, ऋषभ तीर्थ दमोह धारा, पंचवटी जहां से सीता हरण हुआ को समाहित करने की मांग

भाजपा नेता ने उठाए सवाल पूछा : सरकार बताएं कि पहले सीताहरण हुआ या भगवान श्री राम माता शबरी से मिले ???

कोरबा 04 अगस्त. जहां कल एक और अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास होने जा रहा है वही पूरे देश में राम नाम की धूम मची है ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार ने भी छत्तीसगढ़ को श्री रामचंद्र जी का ननिहाल बताते हुए राम वन गमन पथ को विकसित आध्यात्मिक स्वरूप देने की घोषणा की है इसके लिए कल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जनसंपर्क अधिकारी तारण प्रकाश सिन्हा ने फेसबुक के माध्यम से राम वन गमन पथ का एक रोड मैप जारी कर राम बिना आराम कहां पोस्ट शेयर किया जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अमित टमकोरिया ने भी राम वन गमन पथ को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज की है. उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर एवं सोशल मीडिया के माध्यम से राम वन गमन पथ कोरबा जिले को विस्मृत किए जाने इतिहास को भ्रमित किए जाने के आरोप छत्तीसगढ़ सरकार पर लगाए हैं.

उन्होंने लिखा की कोरबा जिले के पग पग पर प्रभु श्रीराम के कृतित्व एवं अस्तित्व विराजमान हैं कोरबा रेलवे स्टेशन के समीप राम जानकी गुफा में सुतीक्ष्ण मुनि का आश्रम है जहां राम जानकी के पद चिन्ह और पौराणिक पांडुलिपि उद्धृत है. उन्होंने बताया कि प्रभु श्री राम माता सीता के साथ इस आश्रम में आए थे. जो वर्तमान में भी कोरबा स्थित सीतामढ़ी में है जिसका उल्लेख रामचरितमानस में मिलता है.

उन्होंने इतिहास को विस्तृत किए जाने का आरोप लगाते हुए लिखा है कि कोरबा जिले के कण-कण में राम समाहित है पग-पग राम नाम की धूल से विभूषित है कोरबा जिले के देवपहरी से लेकर ‘ सीतामढ़ी ‘ सूअरओट ‘ ऋषभतीर्थ ‘ दमोहधारा तक राम का अस्तित्व है. रामपुर विधानसभा के सीमांत सूअरओट की गुफाओं में तो सीताहरण के शैलचित्र सप्रमाण मिले हैं ‘ सूअरओट’ के नीचे ” पंचवटी” स्थित थी जहां से रावण माता सीता का हरण करके ले गया था जिसके प्रमाण ऋषभ तीर्थ दमऊ धारा से प्रकाशित एक पुस्तक जो 1973 में प्रकाशित हुई थी उसमें उद्धृत है. गिद्धा पर्वत जहां जटायु ने माता शबरी का पता बताया था, उसका अस्तित्व भी ऋषभ तीर्थ दमोह धारा के नजदीक स्वप्रमाणित है वहां से श्री राम माता शबरी के आश्रम शिवरीनारायण पहुंचे थे तत्पश्चात किष्किंधा वर्तमान में किंधा गांव खरसिया के समीप अस्तित्व को परिलक्षित करता है.

कोरबा में राम अस्तित्व के दिए प्रमाण :

  • कोरबा सीतामढ़ी में सुतीक्ष्ण ऋषि का आश्रम था जहां माता सीता के साथ रामचंद्र जी आए थे. इसका जिक्र रामचरितमानस में भी है.
  • सूअरओट में प्राप्त शैल चित्र लक्ष्मण जी द्वारा बनाए गए माने जाते हैं जिसमें सीता हरण हिरण पंचवटी आश्रम और दो मानव आकृति जिसमें एक व्यक्ति को हाथ पकड़कर खींचे जाने फिर पुष्पक विमान जैसा इंडेक्स बनाया गया है इसे रॉक आर्ट सोसाइटी भारत सरकार ने भी रावण द्वारा सीता हरण के प्रमाण के रूप में स्वीकार किया गया है.

उन्होंने कोरबा जिले को राम वन गमन पथ में समाहित नहीं किए जाने को लेकर आपत्ति दर्ज करते हुए पौराणिक साक्ष्यों के आधार पर कोरबा की ऐतिहासिक धरोहर को सहेजने संरक्षित करने और सम्मान देने की बात कही है. उन्होंने लिखा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजनीति के चक्कर में राम जी के वन गमन मार्ग में सरगुजा जिले में सीता की रसोई का उल्लेख छत्तीसगढ़ सरकार करती है फिर सीता जी को रावण कहां से हरण करके ले गया उसका कोई व्यू मैप उल्लिखित नहीं है. पंचवटी नासिक जो सीता जी का हरणस्थल माना जाता है मैनपाट से लगभग 2000 किलोमीटर दूर है जहां से श्री रामचंद्र जी वापस छत्तीसगढ़ आते हैं और शबरी माता से मिलते हैं रामचरितमानस में उल्लेखित सुतीक्ष्ण मुनि से मिलने रामचंद्र जी माता सीता के साथ जाते हैं और कोरबा स्थित सीतामढ़ी में सुतीक्ष्ण मुनि का गुफा रूपी आश्रम का आज भी अस्तित्व सुरक्षित है. सीता जी का हरण कोरबा जिले के सीमांत गांव ऋषभ तीर्थ दमाऊ धारा के पास स्थित पंचवटी से हुआ था सूअरओट के शैलचित्र इसके स्पष्ट प्रमाण है.

इसलिए भाजयुमो के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अमित टमकोरिया ने कोरबा जिले के इतिहास को विस्मृत नहीं करने और कोरबा जिले को राम गमन गमन मार्ग के प्रमुख स्थलों में समाहित करने की मांग प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से की है.

जहां एक और कांग्रेस 1984 में राजीव गांधी द्वारा ताला खुलवाए जाने और राम मंदिर अयोध्या को लेकर राजनीति कर रही है वही राम वन गमन पथ को लेकर भाजपा ने भी कांग्रेस को कटघरे में खड़ा कर दिया है.

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