August 20, 2024

विद्युत उत्पादन संयंत्र देश भर के 33 संयंत्रों में दूसरे स्थान पर

कोरबा 11 मई। गर्मी बढ़ने के साथ ही कारण प्रदेश में बिजली की मांग भी बढ़ गई है। उपभोक्ताओं को निर्बाध रुप से बिजली आपूर्ति करने के लिए विद्युत उत्पादन कंपनी के सभी बिजली संयंत्रों को पूरी क्षमता के साथ चलाया जा रहा है, परिणामस्वरूप अप्रैल माह में उत्पादन कंपनी के सभी संयंत्रों ने बेहतर उत्पादन किया और इस दौरान प्लांट लोड फैक्टर पीएलएफ 83.83 फीसद रहा। इससे देशभर के 33 राज्य विद्युत संयंत्र में छत्तीसगढ़ के संयंत्र दूसरे स्थान पर रहे।   

इस वर्ष राज्य में बिजली का अधिकतम मांग 5300 मेगावाट तक पहुंच चुकी है। गर्मी बढ़ने की वजह से घरों, कार्यालय व प्रतिष्ठानो में बिजली उपकरणों का इस्तेमाल बढ़ गया है। वहीं सभी उद्योग भी पूरी क्षमता केसाथ चल रहे हैं। इससे बिजली की मांग भी बढ़ी हुई है। इसलिए सभी संयंत्र को पूर्ण क्षमता के साथ चलाया जा रहा है। भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के अधीन कार्यरत नेशनल पावर पोर्टल की मई में जारी रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी के सभी संयंत्र पूरी क्षमता से चल रहे हैं। प्रदेश के संयंत्र अप्रैल माह में 83.83 प्रतिशत प्लांट लोड फैक्टर पीएलएफ  को अर्जित किया है, यह मार्च महीने के 79.74 की तुलना में लगभग चार प्रतिशत अधिक है। जबकि देशभर के 33 स्टेट सेक्टर के संयंत्र का औसत पीएलएफ  69.26 प्रतिशत रहा। एक से 30 अप्रैल के बीच डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत संयंत्र कोरबा पूर्व डीएसपीएम का 98.21 फीसद पीएलएफ रहा, जबकि मार्च में 97.37 फीसद था। इसी तरह हसदेव ताप विद्युत संयंत्र कोरबा पश्चिम एचटीपीपी 840 मेगावाट संयंत्र का पीएलएफ अप्रैल में 73.20 फीसद रहा, यह मार्च माह के 62.39 फीसद की तुलना में लगभग 11 प्रतिशत अधिक है। वहीं 500 मेगावाट कोरबा पश्चिम विस्तार परियोजना का पीएलएफ अप्रैल में 97.54 फीसद रहा, जबकि मार्च में यह 90.92 फीसद था। यानी अप्रैल में इस संयंत्र से लगभग सात फीसद अधिक उत्पादन रहा। प्रबंधन का कहना है कि बेहतर रखरखाव की वजह से संयंत्रों की उत्पादन क्षमता में बढ़ोत्तरी हुई है।

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