November 7, 2024

एंबुलेंस का इंतजार में प्रसूता और नवजात की मौत

कोरबा 10 जून। समय पर एंबुलेंस नहीं पहुंचने की वजह से महिला ने घर पर ही एक बच्चे को जन्म दिया और सुरक्षित प्रसव के अभाव में बच्चे व प्रसूता दोनों की मौत हो गई। इस घटना ने संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने की सरकारी दावा की पोल खोल दी है।   

करतला विकास खंड के ग्राम नोनदरहा में यह घटना हुई। यहां निवासरत चंपा बाई राठिया को प्रसव पीड़ा हुई, तब पति रत्थू सिंह ने एंबुलेंस सेवा को काल कियाए पर कोई काल रिसीव नहीं किया गया। इसके अलावा भी एबुलेंस बुलाने कई निजी स्तर पर प्रयास किए गए, पर उसका को फायदा नहीं हुआ। अंतत: एंबुलेंस सुविधा नहीं मिलने पर मितानिन को बुलाया गया। असुरक्षित स्थिति में प्रसव घर में ही कराया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि चंपा बाई ने शिशु को जन्म दिया, पर उसकी कुछ देर बाद ही मौत हो गई। तब तक एंबुलेंस बुलाने का प्रयास किया जा रहा था और इस बीच चंपा बाई की हालत बिगडऩे लगी। एंबुलेंस पहुंची, तब तक उसकी स्थिति बेहद नाजूक हो चुकी थी। आनन फानन में एंबुलेंस से उसे अस्पताल ले जाया गया, पर रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। इस घटना की सूचना पाली पुलिस को दी गई। मितानिन का कहना है कि सरकारी गाड़ी कहीं और गांव में मरीज लेने गई थी, इसलिए वाहन उपलब्ध नहीं हो सका। बेहद गंभीर बात यह है कि एंबुलेंस सेवा सही समय पर नहीं मिलने के इस मामले में चिकित्सकों ने चुप्पी साध ली है। बहरहाल पाली पुलिस मर्ग कायम कर कार्रवाई कर रही है।

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