July 7, 2024

लोगों के फेफड़ों पर असर डाल रहा कोल डायवर्सन रोड

कोरबा 12 जून। काफी समय से ध्यानाकर्षण के बावजूद कोरबा में मुड़ापार-अमरैया कोल डायवर्सन रोड की दुर्गति जस की तस बनी है। प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में चलने वाले कोयला और अन्य वाहनों की वजह से स्थिति और बदतर हो रही है। कुल मिलाकर यहां के रिहायशी क्षेत्र और इस मार्ग से होकर आवाजाही करने वाले लोगों के श्वसन तंत्र पर इसका सबसे बुरा असर पड़ रहा है।   

कोलफील्ड्स के आस-पास इस तरह के गतिविधियों से वैसे भी क्रोनिक डिजिज का खतरा अन्य क्षेत्रों के मुकाबले गंभीर होता है। कोरबा कोलफील्ड्स में हालात कुछ ऐसे ही हैं। सबसे गजब बात यह है कि यहां आबादी वाले हिस्से के बीच से होकर कोयला वाहनों के परिवहन के लिए मार्ग दिया गया है। इससे बड़ी हैरत की बात यह है कि इसके लिए खास विरोध भी नहीं हुआ। लंबे समय से बनी हुई इस व्यवस्था से अब हजारों की आबादी सीधे तौर पर प्रभावित हो रही है। महाराणा प्रताप प्रतिमा से होकर रिकांडो रोड और यहां से आगे जाने वाले रास्ते के लोग इन कारणों से खासे परेशान हैं। एक वर्ष से भी अधिक समय से कोल डायवर्सन रोड काफी बदतर स्थिति में बनी हुई है। कई स्थानों पर इस पर चलना मुश्किल हो गया है और आये दिन हादसे हो रहे हैं। इस पर भी वाहनों का परिचालन अबाध गति से जारी है। गर्मी व ठंड में इस रास्ते पर वायु प्रदूषण की समस्या विकराल हो गई है जिसने लोगों को सांस लेने में दिक्कतें पैदा कर दी है। लोग बताते हैं कि कई तरह की बीमारियां उनके खाते में जुड़ चुकी है और इसके लिए सीधे तौर पर प्रशासन जिम्मेदार है जिसने यहां से होकर भारी वाहनों को चलाना सुनिश्चित किया है। सवाल यह है कि जिस जिले में डीएमएफ  से लेकर सीएसआर और कई तरह के करोड़ों के फंड उपलब्ध हैं वहां आम जनता को हो रही असुविधा को लेकर प्रशासन तंत्र इतना लापरवाह क्यों बना हुआ है।   

पूर्व कलेक्टर आरपीएस त्यागी के समय में जनसमस्या को देखते हुए व्यवस्था दी गई थी कि कोयला और खनिज से जुड़े कोई भी वाहन बिना ढंके नहीं चलेंगे। इससे काफी राहत रही। बाद के वर्षों में ढर्रा शुरु हो गया और वाहन प्रदूषण फैलाते हुए चलने लगे। यह अभी भी जारी है। एसईसीएल के केंद्रीय कर्मशाला से लेकर रेलवे स्टेशन के सेकेंड एंट्री तक की सडक़ भी चौपट है। सडक़ कई स्थानों पर टूट-फूट की शिकार है तो कई जगह इसका अतापता ही नहीं है। पूरा रास्ता कोल डस्ट से अटा हुआ है ऐसे में एसईसीएल कर्मचारी सहित आम लोगों को बेहद परेशानी हो रही है।

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