December 3, 2024

संशोधन के नाम पर शिक्षा विभाग में बड़ा खेल.. भर्ती और प्रमोशन के लिए लाखों का घालमेल

आरटीआई आवेदन पर नही दिया जवाब… प्रथम अपीलीय अधिकारी के निर्देश का भी कर रहे उल्लंघन

बिलासपुर 20 जून. संयुक्त संचालक शिक्षा कार्यालय में शिक्षकों के प्रमोशन और सीधी भर्ती में पोस्टिंग के नाम पर बड़ा खेल हुआ है जिसे अब छुपाने की भरपूर कोशिश हो रही है यहां तक की आरटीआई एक्टिविस्ट द्वारा मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराने के लिए प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा दिए गए निर्देश का भी खुला उल्लंघन कार्यालय द्वारा किया जा रहा है । पूरा मामला यह है कि राज्य कार्यालय से यह स्पष्ट निर्देश जारी किया गया था कि नए शिक्षकों की भर्ती और पुराने शिक्षकों के प्रमोशन के समय जारी किए गए आदेश में किसी प्रकार का कोई संशोधन नहीं करना है लेकिन जेडी कार्यालय बिलासपुर में इन नियमों की खुलकर धज्जियां उड़ाई गई है और जमकर संशोधन आदेश जारी किए गए हैं जिसमें लेनदेन की चर्चा आम है। बताया जाता है कि लाखों रुपए लेकर वारे न्यारे किए गए हैं और उच्च कार्यालय द्वारा जारी किए गए आदेश की स्पष्ट अवहेलना की गई है । इस पूरे मामले के दस्तावेज प्राप्त करने के लिए आरटीआई प्रकोष्ठ भाजपा के प्रदेश कार्यालय सह-प्रभारी पेशी राम जायसवाल ने 22 जनवरी 2022 को जेडी ऑफिस बिलासपुर में सूचना का अधिकार आवेदन लगाया लेकिन एक माह गुजर जाने के बाद भी कार्यालय ने उन्हें दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया। जिसके बाद आरटीआई प्रकोष्ठ के भाजपा नेता ने प्रथम अपीलीय अधिकारी जो कि संचालक लोक शिक्षण संचालनालय कार्यालय हैं में 4 मार्च को इस बात की शिकायत की जिसके बाद 24 मई को प्रथम अपीलीय अधिकारी ने यह निर्देश जारी किया कि 10 दिनों के भीतर आवेदक को उनके द्वारा लगाए गए आरटीआई समस्त दस्तावेज उपलब्ध कराएं और एक प्रति उच्च कार्यालय को भी भेजें। इस आदेश के जारी होने के 25 दिन के बाद भी उच्च कार्यालय द्वारा आवेदक को किसी प्रकार का कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया है जिससे साफ पता चलता है कि मामले को छुपाने की पुरजोर कोशिश हो रही है ।

पेशिराम जायसवाल

इस मामले से जुड़े आरटीआई प्रकोष्ठ भाजपा छत्तीसगढ़ के प्रदेश कार्यालय सह प्रभारी श्री पेशीराम जायसवाल ने बताया कि ” जेडी कार्यालय बिलासपुर द्वारा नए शिक्षकों की भर्ती और पुराने शिक्षकों के प्रमोशन के समय पदस्थापना परिवर्तन का बड़ा खेल खेला गया है जिसकी हमें जानकारी है। इस मामले से जुड़े सारे दस्तावेज प्राप्त करने के लिए मैंने आरटीआई लगाया है लेकिन कार्यालय द्वारा इसकी जानकारी उपलब्ध ही नहीं कराई जा रही है जबकि इसके संबंध में प्रथम अपीलीय अधिकारी का भी स्पष्ट निर्देश आ चुका है । उच्च कार्यालय का यह स्पष्ट निर्देश था कि किसी भी परिस्थिति में पदस्थापना में परिवर्तन नहीं किया जाना है उसके बाद भी बड़ी संख्या में पदस्थापना में परिवर्तन किया गया है जिसमें लंबा गोलमाल हुआ है । अभी सारे विकल्प खुले हुए है आवश्यकता पड़ी तो कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी , लेकिन जिस प्रकार आरटीआई से दस्तावेज देने में कार्यालय द्वारा कोताही बरती जा रही है उससे साफ समझ में आता है कि कार्यालय के अधिकारी खुद को बचाने की अंतिम कोशिश कर रहे है। “

वहीं इस सम्बन्ध में भाजपा आरटीआई प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक डॉ.विजय शंकर मिश्र का कहना है की “प्रदेश की कांग्रेस सरकार कागजी है और इनकी नैतिकता भी केवल कागजों तक ही सिमित है। वास्तविकता में भूपेश सरकार सर से पाँव तक भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। यहीं कारण है की सभी अधिकारी भी निरंकुश हैं और अपने ही उच्च अधिकारीयों के आदेशों को ठेंगा दिखा रहें हैं। भूपेश सरकार के इस आचरण के कारण ही आज पुरे प्रदेश में जमकर भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है क्यूंकि जब सैयां भये कोतवाल तब डर काहे का।” उन्होंने कहा की इस मामले की शिकायत शिक्षा मंत्री व सरकार के उच्चाधिकारियों से की जावेगी। कार्यवाही नही होने पर न्यायालय का रुख किया जावेगा।

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