November 7, 2024

हिरोशिमा नागासाकी दिवस पर चित्रकला एवं स्लोगन प्रतियोगिता आयोजित

कोरबा 8 अगस्त। लोक विज्ञान पर्यावरण सुधार और संतुलित विकास तीन ध्येय वाक्य के लिए कार्यरत संस्था छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा कोरबा इकाई ने विभिन्न स्तरों पर हिरोशिमा नागासाकी दिवस का आयोजन किया है। इस कड़ी में स्याहीमुड़ी हाईस्कूल में हिरोशिमा नागासाकी दिवस पर चित्रकला एवं स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। साथ ही बच्चों के लिए एक कार्यशाला भी आयोजित की गई।

हाईस्कूल स्याहीमुड़ी की प्राचार्य डा फरहाना अली ने हिरोशिमा नागासाकी दिवस के विषय में बच्चों को अवगत कराते हुए बताया कि छह अगस्त 1945 को अमेरिका ने जापानी शहर हिरोशिमा पर एक परमाणु बम गिराया और तीन दिन बाद, नों अगस्त को, उसने नागासाकी पर एक और बम गिराया, जिससे सैकड़ों हजारों लोग मारे गए और उतने ही लोग प्रभावित हुए। उन्होंने बताया कि विस्फोट से विकिरण और काली बारिश जो विस्फोटों के बाद हुई थी, उसके प्रभाव से आज तक वहां विकलांग बच्चों का जन्म होता है। द्वितीय विश्वयुद्ध के इस घातक एवं मानव संहारक परिणाम की वजह से हमारी पीढ़ी को सबक लेना चाहिए कि युद्ध किसी के लिए भी अच्छा नहीं हैं। युद्धों से दूरी बनाए रखना चाहिए। छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा की सह सचिव निधि सिंह ने युद्धों के बाद की स्थिति के बारे में बताते हुए कहा कि युद्ध के बाद की स्थिति भी भयावह ही होती है। उन्होंने बताया कि युद्ध के प्रभाव से राष्ट्र के सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक स्थितियां स्थिर हो जाती है। जिससे उस राष्ट्र के विकास में अवरोध उत्पन्न होता है। व्याख्याता पुष्पा बघेल ने कहा कि परमाणु बम ब्रिटिश और अमेरिकी वैज्ञानिक ज्ञान का परिणाम था और इसे अमेरिका में दो संयंत्रों में बनाया गया था। हिरोशिमा शहर पर गिराए गए परमाणु बम को लिटिल बाय कहा जाता था। नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बम को मोटा आदमी फैट मैन कहा जाता था। कार्यक्रम के अंत में सभी विद्यार्थियों ने शपथ ली कि वह कभी भी युद्ध में भाग नहीं लेंगे एवं समस्त राष्ट्रों के बीच शांति स्थापित करने में सदेव सहयोग करेंगे।

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