July 7, 2024

अंतिम सावन सोमवार पर शिवमंदिरों में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, शिवालयों में गूंजा जयघोष

कोरबा 8 अगस्त। देवों के देव महादेव की उपासना सावन की शुरूआत से अब तक जारी है। पूर्णिमा तक यह सिलसिला जारी रहेगा। विभिन्न नामों से पहचाने जाने वाले महादेव की पूजा अर्चना के साथ अनुष्ठान शिवालयों से लेकर लोग अपने घरों में कर रहे हैं। सावन के अंतिम सोमवार को खासतौर पर शिवमंदिरों में श्रद्धालुओं की बंपर भीड़ उमड़ी। देश में स्थित द्वादश ज्योर्तिलिंगों के साथ-साथ अनेक शिवालयों में महादेव की पूजा अर्चना सावन के पहले दिन से शुरू हुई। रक्षाबंधन तक यह क्रम यहां पर यूं ही चलता रहेगा। बेल पत्र, धतुरा, फल-फूल से उनकी पूजा श्रद्धालु कर रहे हैं। इसके अलावा जलाभिषेक, रूद्राभिषेक के साथ, रूद्रीपाठ भी यहां पर जारी है।

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में सैकड़ों और हजारों वर्ष पुराने शिवमंदिर मौजूद हैं। जहां श्रद्धालुओं की खास आस्था है। सावन में अनुष्ठान के साथ पूण्य अर्जित करने बड़ी संख्या में धर्मावलंबियों की उपस्थिति यहां दर्ज हुई। पिछले दो वर्ष कोविड महामारी के चलते दूसरी गतिविधियों की तरह धार्मिक कार्यों पर भी विराम लगा रहा। यही कारण है कि हालात सामान्य होने पर भक्तिभाव का सैलाब सा उमड़ा। हर किसी ने मंदिरों में पहुंचकर महादेव की पूजा करने में रूचि दिखाई। सावन के अंतिम सोमवार पर करतला विकासखंड में स्थित कनकी के कनकेश्वर महादेव में आज ब्रम्ह मुहूर्त से कांवर यात्रियों से लेकर आम लोगों की लाइन पूजा व दर्शन के लिए लगी रही। हसदेव नदी से जल लेकर कांवर यात्रियों ने कनकेश्वरधाम तक की पदयात्रा करने के साथ अपनी पहुंच बनायी। इसके बाद मंदिर के गर्भगृह में चक्रेश्वर महादेव का जलाभिषेक किया। 11वीं सदी में सम्राट विक्रमादित्य द्वितीय के द्वारा पाली में बनाये गए शिवमंदिर में भी पूजा अर्चना को लेकर ऐसी ही स्थिति नजर आयी। भारतीय पुरातत्व विभाग के द्वारा यह मंदिर संरक्षित है। पर्याप्त निगरानी के बीच यहां श्रद्धालुओं की पहुंच होती है। सावन में यहां काफी संख्या में भक्तगण यहां उपस्थित हुए और भगवान का अभिषेक किया। पाली क्षेत्र के नरसिंग गंगा से जल लेकर लोग यहां पहुंचते हैं, जबकि एक वर्ग कटघोरा के हनुमानगढ़ी चकचकवा पहाड़ी की यात्रा कर जलाभिषेक करता है। इन स्थानों के साथ कोरकोमा के शंकर खोला शिवमंदिर में भी यही परंपरा निभायी जा रही है। स्थानीय समितियां दूरदराज से आने वाले भक्तों को नियंत्रित करने के साथ उनकी सेवा में जुटी हुई है।

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