November 21, 2024

शिक्षा विभाग: शिक्षकों के तबादले को लेकर असंतोष व विवाद की स्थिति

कोरबा 23 सितम्बर। कोरबा जिले में विभिन्न प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों के तबादले बड़ी संख्या में किये गए हैं। यह सूची जारी होने के साथ गजब की तस्वीर सामने आई। इसका अवलोकन करने पर कई आवेदकों के हाथ से तोते उड़ गए। उन्होंने इसे बड़ा भारी खेल बताया है। तबादले की प्रक्रिया में झोल होने के साथ विवाद पैदा हो गया है। हो सकता है कि आगामी दिनों में परिवर्तन के साथ कार्रवाई भी हो। सरकार की तबादला नीति के अंतर्गत सभी विभागों में अलग-अलग आधार पर कर्मचारियों के तबादले किये जाते हैं। इसके लिए कई आधार बनाए गए हैं। उक्तानुसार राहत देने और कुछ मामलों में सबक सिखाने की भावना भी तबादले में शामिल हुआ करती है।

कोरबा जिले में शिक्षकों के तबादले को लेकर लगभग हर बार असंतोष तो रहता ही है विवाद भी पैदा होता है। इसलिए इस बार ऐसा नहीं होता इसकी कल्पना कोई कैसे कर सकता है। जिले के विकासखंड कोरबाए, पोड़ी उपरोड़ा, कटघोरा, करतला और पाली से बड़ी संख्या में शिक्षकों की मौजूदा पदस्थापना को बदल दिया गया और उन्हें नई जगह में काम करने के लिए आदेशित किया गया है। तबादला सूची को लेकर कहा जा रहा है कि कुछ शिक्षकों को अवसर दिया गया है तो कुछ की परेशानी बढ़ाई गई है। जानकारों का दावा है कि तबादला सूची में काफी गलतियां की गई है और शारीरिक रूप से कष्ट झेलने वाले शिक्षकों के मामले में ध्यान रखने से परहेज किया गया। उन्हें या तो जटिल संरचना वाले जगह भेजा गया अथवा काफी दूर। महिला शिक्षकों को लेकर भी ऐसी बातें की जा रही है। सबसे खास बात यह है कि जिन आवेदनों को लेकर जनप्रतिनिधियों ने अनुशंसा की थी और इसके बाद आवेदनों को अगली कार्यवाही के लिए शिक्षा विभाग को भेजा गया था वहां से अंतिम सूची तैयार करने के दौरान इन्हें या तो शामिल नहीं किया गया अथवा सामान्य क्रम में डाल दिया गया। यह बात अलग है कि जारी सूची के साथ इस बात का उल्लेख जरूर किया गया है कि इसे प्रभारी मंत्री ने अनुमोदित किया है। सवाल उठता है कि जब प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से ही सूची को आगे बढ़ाया गया तो अनुशंसा वाले नाम उसमें गायब क्यों हैं। ऐसे सवाल शिक्षकों के लिए काम करने वाले संगठनों की ओर से उठाए जा रहे हैं और इसे लेकर अब शिकायतें शुरू हो गई है। कहा जा रहा है कि शिकायत का दायरा बढऩे के साथ मामला विवादित होगा और इसमें एक्शन लेने के लिए सरकार को सोचना पड़ेगा।

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