July 4, 2024

एनटीपीसी में श्रमिक संगठनों की मान्यता के लिए 12 को होगा चुनाव

कोरबा 6 अक्टूबर। एनटीपीसी में औद्योगिक विवाद अधिनियम प्रभावशील होने के बाद चौथी बार श्रमिक संगठनों की मान्यता के लिए चुनाव होने जा रहा है। इसके लिए एनटीपीसी कोरबा में 12 अक्टूबर को चुनाव होने जा रहा है। प्रगति नगर में सुबह 8 से चुनाव होगा। इस चुनाव में जो भी यूनियन जीत हासिल करेगा। इससे तय होगा कि एनटीपीसी कोरबा में सबसे लीड यूनियन कौन होगा।

प्रदेश में औद्योगिक संबंद्ध अधिनियम की जगह औद्योगिक विवाद अधिनियम लागू होने के बाद एनटीपीसी कोरबा में जब पहली बार में मान्यता प्राप्त संगठन की दावेदारी के लिए चुनाव हुआ था, तो प्रमुख रूप से 4 संगठनों को अवसर मिला था। हालांकि वर्तमान में यहां इंटक और बीएमएस प्रमुख यूनियन हैं। इसमें इंटक से संबंद्ध राष्ट्रीय ताप विद्युत कर्मचारी संघए बीएमएस की भारतीय ताप मजदूर संघ के बीच यहां चुनाव होगा। चुनाव के लिए संगठनों के बीच जोर.आजमाइश शुरू हो गई है। मान्यता प्राप्त यूनियन के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही संगठन कर्मचारियों को अपने पाले में वोटिंग के लिए कैंपनिंग भी शुरू कर दी है।

एनटीपीसी कोरबा में लगभग 303 कर्मचारी वोटिंग के लिए अधिकृत हैं। बीेएमएस पदाधिकारी सुरेन्द्र राठौर ने बताया कि पिछले चुनाव में उनका संगठन जीता था। इस बार भी कर्मचारियों का उन पर भरोसा है। इस चुनाव में बीएमएस अब की बार 200 के पार लक्ष्य के साथ मैदान में हैं। एनटीपीसी मान्यता प्राप्त यूनियन के चुनाव में कर्मचारी हितों से जुड़े मुद्दों में वेतन बढ़ोतरी, कॉलोनी से जुड़े विकास कार्यों के साथ ही इस बार दिवाली बोनस भी मुख्य मुद्दा है। अब तक एनटीपीसी में बोनस डिसाइड नहीं हुआ है। मान्यता प्राप्त यूनियन के लिए होने चुनाव में सिर्फ कर्मचारी ही वोटिंग करते हैं। इसमें अधिकारी चुनाव में शामिल नहीं होते हैं। पिछले चुनाव में 505 मतदाता सदस्य कर्मचारियों में से 491 सदस्यों ने वोटिंग की थीए लेकिन बीते तीन वर्षों के दौरान कर्मचारियों की संख्या घटी है। यहां ज्यादातर कर्मचारी सीनियर हैं, इसलिए तेजी से रिटायर भी हो रहे हैं। ऐसे में इस बार वोटिंग में 303 कर्मचारी शामिल होंगे।

एनटीपीसी में मान्यता प्राप्त संगठन के लिए प्रत्येक तीन वर्ष में चुनाव होता है। तीन वर्ष पहले हुए चुनाव में बीएमएस इंटक से 1 वोट से आगे निकल कर जीत हासिल की थी। इंटक को 245 व बीएमएस को 246 वोट मिले थे। इस बार फिर दोनों संगठनों में एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ रहेगी।

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