November 21, 2024

कोरबा 15 अक्टूबर। शासकीय मिनीमाता कन्या महाविद्यालय, कोरबा एवं श्री अग्रसेन कन्या महाविद्यालय कोरबा के रासेयो इकाई के संयुक्त तत्वाधान में तथा नेहरू युवा केन्द्र कोरबा के सहयोग से स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत् वृद्धाश्रम एवं सर्वमंगला मंदिर परिसर में स्वच्छता कार्यक्रम चलाया गया। जिसमें महाविद्यालय के 50 स्वयं सेवकों एवं नेहरू युवा केन्द्र के 15 स्वयं सेवकों ने कचरा गार्बेज बैग में जमा कर नगर पालिक निगम कोरबा को निपटारे के लिए सौंपा गया।

शासकीय मिनीमाता कन्या महाविद्यालय कोरबा के प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र सिंह ने महाविद्यालय के रासेयो इकाई के द्वारा चलाये जा रहे स्वच्छता अभियान के संबंध में स्वयं सेवकों को कहा कि सर्वमंगला मंदिर कोरबा क्षेत्र का न केवल धार्मिक स्थल है बल्कि ऐतिहासिक महत्व का स्थान भी है। यहां दूर-दूर से लोग आते हैं, ऐसे में हमारा कर्तव्य बनता है कि हम ऐसे दार्शिक स्थलों को स्वच्छ और साफ सुथरा रखें। श्री अग्रसेन कन्या महाविद्यालय कोरबा के प्राचार्य डॉ. वाय.के.सिंह ने इस स्वच्छता कार्यक्रम के लिए रासेयो स्वयं सेवको को शुभकामनाएं दी और उनकी प्रशंसा करते हुए कहा कि स्वयं सेवक बिना किसी संकोच के परिसर का कूड़ा करकट इक_ा कर एक अच्छे नागरिक का दायित्व पूरा कर रहे हैं।

स्वच्छता अभियान के पश्चात् स्वयं सेवकों ने सर्वमंगला परिसर स्थित ्रशांति वृद्धाश्रम कोरबा के वृद्धजनों को स्वलपाहार वितरित किया। साथ ही वृद्धजनों के लिए सांस्कृति कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम में प्रशांति वृद्धाश्रम में रह रहे वृद्ध श्री बालकृष्ण ने महाविद्यालय के स्वयं सेवकों का स्वागत किया। श्री बालकृष्ण ने स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि हम यहां बहुत खुश हैं। आप लोग यह बिल्कुल न सोचे की हमें हमारे परिवार ने यहां बेसहारा छोड़ दिया है। यहां हमारा एक परिवार बन गया है, हम एक दूसरे के साथ अच्छा समय व्यतित करते हैं। ऐसे में महाविद्यालय से आप जैसे बेटियां हमसे मिलने आती हैं तो हमारी खुशी दुगुनी हो जाती है। साथ ही उन्होंने छात्राओं से कहा कि हम वृद्ध जरूर हैं, शरीर से कमजोर हैं फिर भी आपके पास कोई समस्या है, परेशानी है तो आप हमसेे मिले, न केवल हमारा दुख-सुख सुने बल्कि अपनी भी सुनायें। निश्चित ही हम आपकी समस्याओं का समाधान निकाल ही लेंगे। शासकीय मिनीमाता कन्या महाविद्यालय, कोरबा की कार्यक्रम अधिकारी डॉ. डेजी कुजूर ने परिवार में वृद्धों के महत्व पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि हमारे देश में वृद्धाश्रम को लेकर कई गलत धारणाएं हैं। लोगों को यह लगता है कि वृद्धाश्रम में जितने भी वृद्ध रह रहे हैं वे अपने घर से निकाले गये हैं या उन्हें परिवार के द्वारा वहां छोड़ दिया गया है। लेकिन वास्तव में आज के भागम-भाग वाली जिंदगी में कामकाजी पति-पत्नि अपने घर के बुजुर्गों को समय नहीं दे पाते हैं जिससे वे अपने को उपेक्षित समझते हैं। इस तरह से वे अपने को घर से और समाज से कटा हुआ महसूस करते हैं। ऐसे में वृद्धाश्रम उनके एकत्रित रहने का, समय बिताने का एक अच्छा स्थान साबित होता है। जहां लगभग सभी हम उम्र लोग एक साथ अपना दुख-सुख साझा करते हैं।

इस अवसर पर कु. अमरावती के द्वारा रासेयो गीत आओ जिंदगी को उन्नति दें का गायन किया। कु. प्रीति मानिकपुरी के द्वारा माता-पिता पर आधारित कविता का पाठ किया गया। कु. ज्योति के द्वारा भजन गाया गया और कु. खुशबू एवं सूमह के द्वारा अरपा पैरी गीत पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया गया। श्री अग्रसेन कन्या महाविद्यालय की कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती गौरी वानखेड़े ने कार्यक्रम की सफलता के लिए प्रशांति वृद्धाश्रम के संचालक श्री वीरू यादव, नेहरू युवा केन्द्र के समन्वयक श्री सुभजीत डे एवं समस्त उपस्थित सम्माननीय वृद्धों के प्रति आभार ज्ञापित किया। नेहरू युवा केन्द्र के समन्वयक श्री सुभजीत डे ने क्लीन इंडिया फेस।। के लिए स्वयं सेवकों के लिए टी-शर्ट एवं गार्बेंज बैग, दस्ताना और नाश्ते की व्यवस्था की। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित स्वयं सेवकों के द्वारा सिंगल यूज प्लास्टि के विरोध में सर्वमंगला नगर में जागरूकता रैली निकाली गई।

सर्वंमंगला मंदिर एवं वृद्धाश्रम परिसर से एकत्रित किए गए कचरे के निपटारे के लिए नगर पालिक निगम कोरबा के अपर आयुक्त श्री खजांची कुम्हार के प्रति विशेष आभार ज्ञापित किया गया। इस अवसर पर नेहरू युवा केन्द्र के स्वयं सेवक चतुर खरे, नरेन्द्र चन्द्रा, डेंजिल एटकिन्स, विष्णु पटेल, भवनेश्वर दास, शासकीय मिनीमाता कन्या महाविद्यालय के स्वयं सेवक कु. रोशनी गेंदले, कु. शालिनी चौहान, कु. अमरावती, कु. प्रिया राजपूत, कु. छाया पटेल, कु. दीपिका चन्द्रा, हेमा देवांगन, सावित्री यादव, रानी, प्रिया, सकिना, प्रिती मानिकपुरी श्री अग्रसेन कन्या महाविद्यालय की स्वयं सेवक चन्द्रमुखी पाण्डेय, गरिमा आनंद, ज्योति उपाध्याय, निकिता, राधिका, अंशिका आदि का सक्रिय योगदान रहा।

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