आउटसोर्सिंग, ठेका प्रथा व प्लेसमेंट पद्धति बंद कर कार्यरत कर्मचारियों को विद्युत विभाग में किया जाए समायोजित
0 कर्मियों ने सौंपा कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
कोरबा। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत विभाग में वर्षों से आउटसोर्सिंग, ठेका प्रथा, प्लेसमेंट पद्धति से कर्मचारी रखे गए हैं। ज्यादातर कर्मचारी नौकरी की तय उम्र सीमा के करीब हैं। साथ ही यह कर्मचारी पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। इनके भविष्य को सुरक्षित करने छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल उदासीन है एवं ठेका कर्मचारियों के हितों में किसी प्रकार से निर्णय लेने में सक्षम नहीं है। इस आशय का ज्ञापन बुधवार को स्थानीय संस्था के कर्मचारियों ने कलेक्टर को सौंपा।
दरअसल सभी कर्मचारियों को ठेकेदार के माध्यम से वेतन भुगतान किया जाता है। साथ ही सामाजिक सुरक्षा के नाम पर ईपीएफ और ईएसआईसी की सुविधा दी जाती है, किंतु दुर्भाग्य से यह सुविधा सभी कर्मचारियों तक नहीं पहुंच पाती है और न ही समय पर वेतन प्रदान किया जाता है। कई बार ठेका प्रथा हटाने के बारे में पत्राचार किया गया, किंतु विद्युत विभाग नीतिगत निर्णय का हवाला देकर ठेका कर्मियों की मांगों को पूरा नहीं करती। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव के पूर्व कांग्रेस पार्टी ने घोषणापत्र में ठेका प्रथा बंद करने का वादा किया था, जिसे पूरा नहीं किया गया है। विदयुत विभाग ठेका में धड़ल्ले से शोषण किया जा रहा है। कर्मचारियों ने मांग की है कि ठेका प्रथा बंद कर चुनाव में किया गया अपना वादा निभा कर विद्युत ठेका कर्मचारियों को शोषण से बचाएं। विभाग और ठेका कर्मियों के बीच से ठेकेदार को हटाकर सीधा विभाग से वेतन दिया जाए। इसके लिए विभाग को निर्देशित किया जाए। कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने के दौरान संयुक्त महामंत्री दर्शन कुमार रजक, डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसमिशन जनरेशन के कोरबा जिला के तीनों अध्यक्ष, ललित बरेठ, राकेश साहू, हेमंत साहू, नारायण यादव, कुमारी राधिका साहू, कुमारी नंदिनी साहू, जिला महिला अध्यक्ष, नारायण यादव, सुरेश दास महंत, जितेंद्र कुमार आदि उपस्थित रहे।