286 स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र तक पहुंचेगा पानी
0 बांगो बांध से जल प्रदाय के लिए प्रोजेक्ट तैयार
कोरबा। बांगो बांध के चारों कोने से समूह जल प्रदाय के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। पेयजल की समस्या से सरकारी संस्थाएं भी प्रभावित है। खासकर स्कूल व आंगनबाड़ी में मध्यान्ह भोजन के लिए परिसर में लगाए गए जलापूर्ति के स्त्रोत सूखने से बच्चों को घर से पानी लेकर आना पड़ता है। ग्रीष्म काल में स्थित और भी अधिक दयनीय हो जाती है। बांगो के समूह जल योजना के अस्तित्व में आने से 286 स्कूल व आंगनबाड़ी में पेयजल की आपूर्ति होगी।
प्रोजेक्ट से जिन गांवों में परियोजनाओं को मूर्तरूप दिया जाएगा उनमें एतमानगर, झिनपुरी, बोड़ानाला और कांपा नवापारा शामिल हैं। इन स्थानों में टंकीयुक्त वाटर फिल्टर तैयार कर क्षेत्र के 364 गांवों को जलापूर्ति की जाएगी। 195 करोड़ की कार्ययोजना को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी संचालनालय ने तकनीकी स्वीकृति दे दी है। अब योजना को राशि आवंटन के लिए के लिए शासन को प्रेषित की जाएगी। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण बांगो बांध के आसपास के गांवों का नल जल स्त्रोत कमजोर है। पोड़ी-उपरोड़ा जिले के सर्वाधिक पिछड़े विकासखंड में आता है। भूमिगत जल स्त्रोत के लिए चट्टानी पत्थरों के आड़े आने से अधिकांश गांवों के स्त्रोत ग्रीष्म शुरू होते ही सूख जाते हैं। ग्रामीणों को ढोढ़ी अथवा प्राकृतिक जल स्त्रोत से प्यास बुझानी पड़ती है। समूह जल प्रदाय से इस समस्या का निवारण के साथ बेहतर विकल्प होगा। योजना को मूर्तरूप देने के लिए जिला लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने प्राक्कलन तैयार किया था। योजना में कुल 192 करोड़ खर्च होगा। खास बात यह है कि पोड़ी-उपरोड़ा के 250 से अधिक गांव फ्लोराइड से प्रभावित फूलसर, सरमा, आमाकछार आदि ऐसे गांव हैं जहां के रहवासी अस्थि रोग पीड़ित हैं। यहां फ्लोराइड मुक्ति के लिए हैंडपंप अथवा नलजल योजना के टंकी में स्विच मोड फिल्टर प्लांट लगाए गए हैं। इससे पानी की धार कम आती है। हैंडपंप में अधिक लोगों की भीड़ लगने पर फिल्टर स्विच को खोल दिया जाता हैं। ऐसे में लोगों के घर तक बिना फिल्टर के पानी पहुंच रहा है। समूह नलजल शुरू होने से लोगों को न केवल शुद्ध पेयजल मिलेगा, बल्कि रोग से मुक्ति मिलने की राह आसान होगी।