July 7, 2024

आयुर्वेद से ही संभव है संपूर्ण आरोग्य की प्राप्ति : डॉ. वागेश्वरी

0 नि:शुल्क आयुर्वेद एवं योग चिकित्सा परामर्श शिविर से 149 रोगी हुए लाभान्वित
कोरबा। पतंजलि योगपीठ हरिद्वार, दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट हरिद्वार के 28वें एवं भारत स्वाभिमान ट्रस्ट हरिद्वार के 14वें स्थापना दिवस पर 5 जनवरी गुरुवार को पतंजलि चिकित्सालय निहारिका में वृहद निशुल्क आयुर्वेद योग चिकित्सा परामर्श शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में अनुभवी आयुर्वेद चिकित्सा विशेषज्ञ वैद्य डॉ. वागेश्वरी शर्मा ने विशेष रूप से अपनी चिकित्सकीय सेवायें प्रदान की।
सर्वप्रथम डॉ. वागेश्वरी एवं डॉ. नागेन्द्र नारायण शर्मा तथा शिविरार्थियों ने आयुर्वेद प्रवर्तक भगवान धनवन्तरी, भारत माता, स्वामी रामदेव तथा आचार्य बालकृष्ण के तैल्य चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर एवं उनका पूजन अर्चन कर नि:शुल्क आयुर्वेद एवं योग चिकित्सा परामर्श शिविर का शुभारंभ किया। शिविर में 57 मधुमेह रोगियों की रक्त शर्करा की नि:शुल्क जांच की गई। शिविर में अपना इलाज कराने आये सभी 149 रोगियों को आयुर्वेद चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. वागेश्वरी एवं डॉ. नागेन्द्र ने उनके लिये उपयोगी आयुर्वेदानुसार आहार-विहार, दिनचर्या- ऋतुचर्या के विषय में विस्तार से बताते हुए इससे मुक्ति हेतु नि:शुल्क आयुर्वेद चिकित्सा परामर्श दिया। डॉ. वागेश्वरी ने शिविरार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक हम तन और मन दोनों से स्वस्थ नहीं होंगे हम अपने आपको पूर्ण रूप से स्वस्थ नहीं कह सकते। तन और मन की विस्तृत चिकित्सा का वर्णन सिर्फ और सिर्फ आयुर्वेद में ही है इसलिये बिना आयुर्वेद के संपूर्ण आरोग्य की प्राप्ति असंभव है। इस अवसर पर पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के आजीवन सदस्य डॉ. नागेंद्र नारायण शर्मा ने उत्तम स्वास्थ्य के लिये आयुर्वेदानुसार आहार विहार का सही पालन कर, अपनी दैनिक जीवनचर्या में योग प्राणायाम को शामिल करने के लिये कहा। शिविर में शिविरार्थियों को रोगानुसार अस्थि खनिज घनत्व (बोन मिनिरल डेंसिटी) की नि:शुल्क जांच कोलकाता के टेक्नीशियन की ओर से की गई। शिविर में रोगियों के लिए उपयोगी योगाभ्यास मण्डूकासन, शशकासन, पादहस्तासन, वक्रासन, मर्कटासन तथा भस्त्रिका, कपालभाति एवं अनुलोम विलोम प्राणायाम का व्यक्तिगत रूप से विशेष प्रशिक्षण भी डॉ. नागेंद्र ने दिया। शिविर में वैद्य डॉ. वागेश्वरी शर्मा, लायन कामायनी दुबे, मीना सिंह, शिव जायसवाल, शांता मडावे, सुधीर सक्सेना, डॉ. नागेंद्र शर्मा, प्रतिभा शर्मा, अश्विनी बुनकर, कमल धारिया, मनीष कौशिक, दामोदर साहू, आशीष पटले, हर्ष नारायण शर्मा, नेत्रनंदन साहू, चक्रपाणि पाण्डेय, सिद्धराम शाहनी, राकेश इस्पात, रोशन कुंजल एवं अंकित शर्मा ने विशेष रूप से उपस्थित होकर अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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