November 24, 2024

सामाजिक अधिकारिता शिविर में दिव्यांगों को किया गया सहायक उपकरणों का वितरण

0 केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. विरेंद्र कुमार एवं सांसद ज्योत्सना महंत हुए शामिल
0 सांस्कृतिक भवन कटघोरा में शिविर का आयोजन

कोरबा। देश में आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत 67 स्थानों में सामाजिक अधिकारिता शिविरों का आयोजन किया गया। इस आयोजन में दिव्यांगों को विभिन्न प्रकार के सहायक उपकरण प्रदान किये गये। इस सामाजिक अधिकरिता शिविर में नि:शुल्क सहायक उपकरण सहित दिव्यांगों को ट्राइसिकल, व्हील चेयर, श्रवण यंत्र, ब्रेल किट, एमएस आईईडी किट, स्मार्ट फोन इत्यादि वितरित किया गया। शिविर का आयोजन सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग अधीन कार्यरत उपक्रम एलिम्को ने जिला प्रशासन के समन्वय से आयोजित किया। सहायक उपकरण के वितरण हेतु आयोजित यह शिविर सांस्कृतिक भवन कटघोरा में हुआ।
शिविर का उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. वीरेंद्र कुमार, केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री, ज्योत्सना महंत सांसद लोकसभा क्षेत्र कोरबा की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर पाली तानाखार क्षेत्र के विधायक पुरुषोत्तम कंवर अन्य जनप्रतिनिधि सहित नागरिक मौजूद रहे। शिविर आयोजन का मुख्य उद्देश्य पूरे देश में एक समावेशी समाज का निर्माण करना है। जिसमें दिव्यांगजनों को तरक्की और विकास के लिए समान अवसर प्रदान किए जाते हैं, जिससे वे समाज में एक सुरक्षित और गरिमापूर्ण जीवन व्यतीत कर सकें। इन शिविरों का आयोजन भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को), कानपुर, विभाग के अंतर्गत आने वाला एक सीपीएसई, नौ राष्ट्रीय संस्थानों, पूरे देश में फैले हुए क्षेत्रीय केंद्रों और क्षेत्रीय खंडों के समन्वय में किया गया। सभी 67 शिविरों के आयोजन को ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोड़ा गया। यह वितरण कार्यक्रम सांस्कृतिक भवन कटघोरा में किया गया। केन्द्र सरकार की एडिप योजना के अंतर्गत 297 दिव्यागजन लाभार्थियों को लगभग 28 लाख के कुल 547 विभिन्न प्रकार के सहायक उपकरणों हेतु जिला कोरबा में 1 सितंबर 2022 से 6 सितंबर 2022 में एलिम्को द्वारा कोरबा जिला प्रशासन के सहयोग से आयोजित परीक्षण शिविरों में चिन्हित किया गया था। इसमें कोई संदेह नहीं की सहायक उपकरण प्राप्त करने वाले लाभार्थी सक्षम हैं, समर्थ है, इन सहायक उपकरणों के माध्यम से लाभार्थियों को स्वावलम्बी व सशक्त करने और उन्हें समाज की मुख्य धारा के साथ जोड़ने का एक प्रयास है।

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