December 25, 2024

भगवान अय्यप्पा की निकली 1100 मंगलथाल दीप यात्रा, विधि विधान से की गई पूजा अर्चना

0 मंदिर को फूल व केले के पत्तों से आकर्षक ढंग से सजाया गया
कोरबा। श्री अय्यप्पा मंदिर एसईसीएल में मंडल पूजा एवं मकर संक्रांति पर्व शनिवार 14 जनवरी को विधि विधान पूर्वक श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया गया। 1100 दीप जलाकर सुख-समृद्धि की कामना की गई। मकर संक्रांति पूजा आयोजन अय्यप्पा पूजा संगम की ओर से किया जा रहा है। इसे लेकर मंदिर परिसर में आकर्षक लाइट की सजावट की गई है। मकर संक्रांति के लिए मंदिर को फूलों और केले के पत्तों से आकर्षक ढंग से सजाया गया है।

अय्यप्पा मंदिर में सुबह प्रभात फेरी के बाद निर्माल्य दर्शन, अष्टद्रव्य गणपति हवन, उषा पूजा, कलश पूजा, कलशाभिषेक, मध्यान्ह पूजा, नागपूजा एवं अन्य विशेष पूजा हुई। 8 बजे भागवत पारायण, दोपहर 1 बजे अन्नदान (भंडारा) का आयोजन किया गया। शाम 4 बजे अय्यप्पा भगवान की शोभायात्रा केरल से आये वीरश्रिंकला चेरुतायम, कुंजरामन मारार, वाद्यवृंद मंगलथाल, भजन कीर्तन के साथ श्रीराम जानकी मंदिर सीतामढ़ी से प्रारंभ हुई। हाथों में मंगलथाल लिए यात्रा पुराना बस स्टैंड, पावर हाउस रोड, टीपी नगर स्थित काफी में पूजा अर्चना कर एसईसीएल मंदिर पहुंची। रात में प्रसाद वितरण के बाद प्रीतिभोज का आयोजन किया गया। अय्यप्पा सेवा संगम के अध्यक्ष पी प्रदीप ने बताया कि शनिवार की शाम मकर संक्रांति पूजा धूमधाम से मंदिर में की गई। भगवान अय्यप्पा स्वामी ज्योति स्वरूप के रूप में जाने जाते हैं। श्री अय्यप्पा मंदिर में सुबह धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए गए। केरल के सबरीमाला मंदिर में मकर संक्रांति के दिन से लेकर 41 दिन तक भगवान अय्यप्पा की पूजा व शोभायात्रा निकाली जाती है। इस दिन भगवान अय्यप्पा के दर्शन करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। दरअसल मंदिर में एक मकर ज्योति प्रज्ज्वलित रहती है। इसी ज्योति के दर्शन के लिए करोड़ों भक्त अय्यप्पा स्वामी के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान अय्यप्पा विष्णु के पुत्र हैं। इसी तरह अय्यप्पा सेवा संगम बालको सेक्टर-2 स्थित श्री अय्यप्पा मंदिर से शोभायात्रा निकाली गई, जो नगर भ्रमण करते हुए मंदिर परिसर पहुंची।

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