November 8, 2024

चार साल बाद भी ऑक्सीजोन नगर वन की सौगात अधूरी

फाइल फोटो

0 प्रदूषण से राहत की कवायद फीकी
कोरबा। ऊर्जाधानी में प्रदूषण का ग्राफ साल-दर-साल बढ़ता ही जा रहा है। प्रदूषण से राहत दिलाने की कवायद को अमलीजामा पहनाया नहीं जा सका है। इसके कारण कोरबा में प्रदूषण से लोगों को निजात नहीं मिल पाई है। प्रदूषण से जूझ रहे शहरवासियों के लिए ऑक्सीजोन नगर वन की सौगात चार साल बाद भी पूरी नहीं हुई है। जोन को मूर्तरूप देने के लिए कोरबा वनमंडल को कैंपा मद से 2.40 करोड़ की राशि दी गई है। वन विभाग ने इस राशि को बाउंड्रीवाल बनाने में ही खर्च कर दिया। जिला जेल के पीछे की नर्सरी के 100 हेक्टेयर भूमि में इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए अतिरिक्त राशि की मांग की गई है। राशि आवंटन के अभाव में प्रदूषण से राहत मिलने की कवायद फीकी पड़ गई है।
उद्योगों से घिरे शहर के वादियों में प्रदूषण लगातार घुलता जा रहा है। प्रदूषित वातावरण पर नियंत्रण के लिए शहर में पहली बार प्रभावी कदम उठाया गया है। नगर वन को वर्ष 2017 में स्वीकृति मिली है। पांच साल गुजर जाने के बाद भी काम पूरा नहीं हुआ है। केंद्रीय पर्यावरण बोर्ड के निर्देशन पर औद्योगिक जिले में व्याप्त प्रदूषण को दूर करने के लिए नगर वन विकसित करने का प्राविधान है। इसके तहत दो से तीन चरण में नगरवन का विस्तार देना है। प्रारंभिक चरण में बाउंड्रीवाल का निर्माण किया जाना था। आगामी दो साल के भीतर नगर वन परिक्षेत्र में पौधा रोपण करना था। खासतौर पर औषधि पौधे जैसे एलोवेरा, तुलसी, नीम आदि लगाए जाने थे। इसके अलावा प्राथमिक विकास के तौर नगर वन परिसर में गार्डन चेयर, हरे घास युक्त लान की रोपणी, जॉगिंग ट्रैक आदि का निर्माण किया जाना था। पर्यावरण के विविध सुविधाओं से युक्त लान में योग को बढ़ावा देने के लिए सांकेतिक चित्र भी अंकित किए जाने थे। पूरी कार्य योजना के लिए 2.40 करोड़ की राशि दी गई थी, लेकिन उक्त राशि को केवल बाउंड्रीवाल बनाने में खर्च कर दिया गया। निर्माण कार्य कई अधिकारियों के कार्यकाल में हुए। ऐसे में निर्धारित समय पर अंकेक्षण और भौतिक सत्यापन नहीं हुआ। वन विभाग ने कैंपा मद से अतिरिक्त राशि की मांग की है। अब तक हुए निर्माण का अंकेक्षण और भौतिक सत्यापन के अभाव में राशि आवंटन नहीं हो रही। यही वजह निर्माण कार्य पांच वर्ष बाद भी पूरा नहीं हुआ है।

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