राखड़ से परेशान लोगों ने एनटीपीसी के खिलाफ खोला मोर्चा
कोरबा। ग्रामीणों ने एक बार फिर एनटीपीसी प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अफसरों के लापरवाह रवैए के विरुद्ध प्रभावितों ने जमकर नारेबाजी की।प्रबंधन के खिलाफ लोतलोता, धनरास, घमोटा और चोरभट्टी के ग्रामीण लामबंद हो चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सालो पहले इनकी खेतिहर जमीन को राखड बांध बनाने के लिए एनटीपीसी ने अधिग्रहित किया था। सुविधा प्रदान करने का लालच देकर जमीन तो छीन लिया गया लेकिन इन्हें उनके हाल पर मरने के लिए छोड़ दिया गया। आरोप है कि एनटीपीसी के अधिकारी इनके साथ अंग्रजों की तरह अत्याचार कर रहे हैं ।गर्मी का मौसम आते ही इस राखड़ बांध से राख उड़कर पूरे इलाके को ढक लेती है। लोगो का जीना मुश्किल हो जाता है। राख के कारण लोग घर में वैवाहिक कार्यक्रम भी नही कर पाते। हर साल राख से होने वाले नुकसान का मुआवजा देने का वादा किया जाता है ,मगर समय आने पर एनटीपीसी के जिम्मेदार अधिकारी मुंह फेर लेते है। अधिकारियों की इस मनमानी को लेकर ग्रामीण काफी आक्रोशित हैं।राखड की वजह से किसानों को फसल का नुकसान तो झेलना ही पड़ता है। उनके सेहत पर भी बुरा असर पड़ रहा है। मैनेजमेंट की मनमानी के खिलाफ लोगो का आंदोलन पहली बार सामने नही आया है बल्कि लगातार प्रदर्शन किया जाता रहा है। इस बार इलाके के ग्रामीणों ने आर-पार की लड़ाई शुरू कर दी है देखना होगा कि इस आंदोलन का एनटीपीसी मैनेजमेंट पर कितना असर पड़ता है