November 7, 2024

बरबसपुर नया ट्रांसपोर्ट नगर पर गरमायी सियासत

0 आम आदमी पार्टी और भाजपा ने किया तीखा हमला
कोरबा।
जिले के बरबसपुर में नया ट्रांस्पोर्ट नगर बसाहट को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। दूसरी ओर नए ट्रांसपोर्ट नगर बसाने के सपने को भी लगातार झटका लग रहा है। पहले जहां प्रशासन ने बरबसपुर की बजाय झगरहा डूमरडीह के आसपास नए ट्रांसपोर्ट नगर को बसाने की प्रक्रिया शुरू की तो बखेड़ा खड़ा हो गया। वहीं अब एक बार फिर नया मोड़ आ गया है। एसईसीएल (कोल इंडिया) ने पहले कोल बेयरिंग एरिया बताकर एनओसी नहीं दिया। वहीं अब पर्यावरण विभाग ने भी बरबसपुर के निर्माण को लेकर एनओसी देने से इनकार कर दिया है।
आम आदमी पार्टी ने भी पूर्व में प्रस्तावित चोरभट्ठी के पास की सरकारी जमीन को नए ट्रांसपोर्ट नगर के लिए उपयुक्त बताया है। आप के लोकसभा अध्यक्ष विशाल केलकर ने उक्त विवाद रहित स्थल पर नया ट्रांसपोर्ट नगर बसाने की मांग करते हुए जरूरत पड़ने पर आंदोलन को तैयार रहने की चेतावनी भी दे डाली है। वहीं अब नया ट्रांसपोर्ट नगर का मामला उलझता ही जा रहा है। इस बीच जिला भाजपा अध्यक्ष ने राजस्व मंत्री पर पलटवार करते हुए जमकर निशाना साधा है। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि जिला प्रशासन के अधिकारी बरबसपुर से ट्रांस्पोर्ट नगर को अन्यत्र बनाने का प्रस्ताव बना रहे हैं जो स्वागतेय है, लेकिन मंत्रीजी किस व्यक्तिगत लाभ की वजह से इसका विरोध कर रहे हैं यह समझ से परे है। वहीं जिला भाजपा कार्यालय पं. दीनदयाल कुंज में जिलाध्यक्ष डॉ. राजीव सिंह ने इस मामले में सीधे तौर पर राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल कि कार्य प्रणाली को लेकर अनेक प्रश्न उठाये हैं। वहीं उन्होंने कहा कि पूर्व में मंत्रीजी ने सभी विभाग से अनुमोदन मिलने के पश्चात् बरबसपुर में ट्रांसपोर्ट नगर को बनाये जाने का निर्णय लिये जाने का राग अलाप रहे थे, जबकि यह तथ्यहीन है क्योकि एसईसीएल ने इस स्थल को कोल क्षेत्र होने का हवाला देते हुए अनापत्ति प्रमाण पत्र देने से इनकार कर दिया है। उसका कहना है कि भविष्य में इस क्षेत्र में कोल उत्खनन तेजी से होगा ऐसे में निर्माण की अनुमति दे पाना संभव नहीं है। वहीं कुछ इसी तरह का हवाला पर्यावरण संरक्षण मंडल कोरबा जिला के क्षेत्रीय अधिकारी ने दिया है। उनका तर्क है कि केन्द्रीय प्रदूषण बोर्ड ने बरबसपुर क्षेत्र के 200 से 500 मीटर की भूमि को विकास रहित क्षेत्र घोषित किया है। ऐसे में बफर जोन के आर-पास किसी तरह का निर्माण किया जाना नियमों का उल्लंखन है। अत: इस क्षेत्र में प्रस्तावित टीपी नगर बनाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया जाना संभव नहीं है। वहीं जिलाध्यक्ष ने कहा कि जिला प्रशासन सही तथ्यों को लेकर आगे बढ़ रहा है, ताकि भविष्य में कोई विवाद न हो ऐसे में मंत्रीजी बरबसपुर में ही निर्माण कराने को लेकर जिद पर अड़े हैं, क्योंकि इसमें उनका परिवार या मित्रों का लाभ दिख रहा है जबकि भाजपा उस स्थल पर निर्माण कराये जाने पर जोर दे रहा है जहां कि जमीन पर किसी तरह का विवाद न हो और भविष्य में शासन किसी भी स्थल का चयन करती है तब उसका भी समर्थन किया जायेगा।
0 बनाई गई है 9 सदस्यीय टीम
छत्तीसगढ़ शासन ने बरबसपुर में प्रस्तावित टीपी नगर प्रकरण के लिए विस्तृत परिक्षण हेतु सचिव स्तर की 9 सदस्यीय समिति का गठन किया है। इसका अध्यक्ष वन विभाग के प्रमुख सचिव को बनाया गया है, जबकि कोरबा कलेक्टर सचिव होंगे। वहीं इसी तरह अन्य सदस्यों में राजस्व एवं आपदा विभाग के सचिव, नगरीय प्रशासन व विकास विभाग के सचिव, खनिज विभाग के सचिव आवास एवं पर्यावरण विभाग के उप सचिव, नगर एवं ग्राम निवेश के संचालक, पर्यावरण संरक्षण मंडल का एक सदस्य इस समिति में शामिल है। वहीं जिलाध्यक्ष डॉ. राजीव सिंह ने गठित समिति का स्वागत करते हुए कहा है कि इस समिति उपरांत सही तथ्य सामने आयेगा।

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