चक्काजाम के बाद भी व्यवस्था में नहीं हुआ सुधार
0 बदहाल सड़क पर चलना हो रहा दूभर
कोरबा। उपनगरीय क्षेत्रों की जर्जर सड़कों पर आवागमन कठिन हो रहा है। हादसे का खतरा भी बना हुआ है। कुछ इसी तरह की स्थिति परसाभांठा-रूमगढ़ा मार्ग की है, जहां 24 घंटे भारी वाहनों का दबाव बना हुआ है। लोगों में आक्रोश इस बात को लेकर भी है कि तीन बार चक्काजाम करने के बाद भी राहत नहीं मिली है।
परसाभाठा से रूमगढ़ा तक की सड़क पर लोग जान हथेली पर रखकर चल रहे हैं। सड़क निर्माण ने परेशानी और बढ़ा दी है। दरअसल एक तरफ सड़क को खोद दिया गया है। एक लेन में दिन भर भारी वाहन चल रहे हैं। निर्माण एजेंसी की मनमानी से जिस जगह पर निर्माण के लिए गड्ढे खोदे गए हैं उसमें भी भारी वाहन चलने लगे हैं। इस स्थिति में चार पहिया, कार सवार व पैदल चलने वाले लोगों के लिए रास्ता ही नहीं बचा है। स्कूल और कॉलेज आने-जाने वाले छात्र-छात्राएं खतरे के साथ चल रहे हैं। परसाभाठा से रूमगढ़ा के बीच बेलगिरी नाले पर पुल के समीप जानलेवा गड्ढे के कारण हर दिन छोटे वाहन हादसे का शिकार हो रहे हैं। पुल के दोनों तरफ गड्ढों में बाइक सवार गिर रहे हैं। अचानक ब्रेक लगाने या फिर मोड़ने पर दूसरी ओर से आ रहे भारी वाहनों से भी हादसे का खतरा बना रहता है। डस्ट की समस्या गहराती जा रही है। सड़क के किनारे रहने वाले लोगों के घर के दीवारों पर डस्ट की परत चढ़ चुकी है। कई बार लोगों ने ग्रीन नेट तक का इस्तेमाल किया, लेकिन वह भी नाकाफी रहा। डस्ट के चलते लोग अब बीमार होने लगे हैं। दिनभर वाहनों के शोर से रात में सोना भी मुश्किल हो चुका है।