एक शिक्षक के भरोसे चल रहा विद्यालय
कोरबा। विकासखंड कोरबा के ग्राम कोल्गा में संचालित शासकीय प्राथमिक शाला का बुरा हाल है। स्कूल में पदस्थ एक मात्र शिक्षक कभी भी समय पर नहीं आता, मजबूरी में बच्चों को ही पढ़ाना पड़ता है। बच्चों का कहना है कि उन्हें नियमित रूप से मध्यान्ह भोजन भी नहीं मिलता। कोरबा के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित सरकारी स्कूलों का हाल कितना बेहाल है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शिक्षकों की पदस्थापना के बावजूद बच्चों को ही पढ़ाना पढ़ रहा है।
कोरबा विकासखंड के ग्राम कोल्गा में संचालित शासकीय प्राथमिक स्कूल में एकमात्र शिक्षक पदस्थ है, जो नियमित रूप से स्कूल आता ही नहीं। स्कूल आने के बाद भी शाला नायक को पढ़ाने के लिए कहा जाता है। स्कूल में मिड डे मील व्यवस्था का भी भगवान ही मालिक है। बच्चों को कभी भोजन मिलता है, तो कभी नहीं। ऐसे में उन्हें भूखे पेट ही घर जाना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित अधिकांश स्कूल की यही कहानी है, जहां शिक्षक मनमानी करते हैं जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। हालात अगर यही रहे तो बच्चों का भविष्य क्या होगा इसका अंदाजा लगाना ज्यादा कठिन नहीं है।