October 5, 2024

वाशिंग पाउडर से महिलाओं की जिंदगी में हो रहा उजाला

0 उत्पादन से मिल रही है अतिरिक्त आमदनी
कोरबा।
राष्ट्रीय आजीविका मिशन बिहान के तहत विकासखंड कोरबा अंतर्गत ग्राम रजगामार की जय माता दी स्व-सहायता समूह की महिलाएं वाशिंग पाउडर बना रही हैं। महिलाओं को वाशिंग पाउडर उत्पादन से अतिरिक्त आमदनी मिल रही है। समूह की महिलाओं ने एक माह में 15 क्विंटल तक वाशिंग पाउडर का उत्पादन किया है। महिलाओं ने इसे बाजार में बेचकर 15 हजार रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है। इससे समूह की महिलाओं का आजीविका संवर्धन हो रहा है।
जिले में बिहान समूह की महिलाएं आजीविका संवर्धन के लिए आगे आ रहीं है। इसके लिए महिलाओं को आर्थिक गतिविधि के लिए समुचित प्रशिक्षण और व्यवसाय के लिए आर्थिक सहायता भी दी जा रही है। जय माता दी स्व-सहायता समूह की महिलाएं वाशिंग पावडर कारोबार से जुड़ सशक्त आजीविका की राह पर चल पड़ी हैं। उन्होंने बताया कि समूह का गठन 2019 में हुआ। इसे संचालित करने के लिए 15 हजार रुपये की चक्रीय निधि एवं सामुदायिक निवेश के 60 हजार रुपये की सहायता दी गई है। समूह की महिलाओं को व्यवसाय बढ़ाने के लिए बैंक से एक लाख रुपये का ऋण भी दिया गया है। समूह ने इस राशि से जुलाई 2020 में वाशिंग पाउडर तैयार करना शुरू किया। कोरोना काल में समूह की महिलाओं ने वाशिंग पाउडर बेचकर अच्छा लाभ कमाया है। समूह की सदस्य गायत्री प्रजापति ने बताया कि समूह के 12 महिला सदस्यों को आरसेटी कोरबा से एक सप्ताह का वाशिंग पाउडर बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण लेने के बाद उन्होंने यह व्यवसाय शुरू किया। वाशिंग पाउडर के लिए समूह कच्चा माल रायपुर से लाते हैं। महिलाएं कच्चे माल की सफाई, मिक्सिंग करके पैकेजिंग भी करती हैं।
0 प्रति किलो होती है 10 रुपये की कमाई
सारी प्रक्रिया के बाद एक किलो ग्राम पाउडर का पैकेट तैयार करने में 53 रुपये का खर्च आता है। इस एक किलो के पैकेट को सी मार्ट एवं स्थानीय बाजार में 63 रुपये प्रति किलो की दर से बेचते हैं। इस प्रकार एक किलो ग्राम वाशिंग पावडर की बिक्री पर 10 रुपये का शुद्ध लाभ प्राप्त होता है। राष्ट्रीय आजीविका मिशन के बीपीएम ने बताया कि समूह ने एक माह में 15 क्विंटल तक वाशिंग पाउडर तैयार करके स्थानीय बाजार में बेचा है। महिलाओं ने इसे बेचकर शुद्ध 15 हजार रुपये का लाभ कमाया है। समूह की अध्यक्ष कीर्ति प्रजापति का कहना है कि बिहान योजना महत्वपूर्ण और एक लाभकारी योजना है। इससे हम ग्रामीण महिलाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण और व्यवसाय करने के लिए आर्थिक मदद मिलती है, जिससे हम ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं।

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