November 7, 2024

ठेका मजदूरों के शोषण के खिलाफ इंटक ने बंद कराया कुसमुंडा खदान का काम

0 कामकाज ठप, वाहनों की लगी कतार
कोरबा।
एसईसीएल कुसमुंडा परियोजना में छत्तीसगढ़ संविदा एवं ग्रामीण मजदूर संघ कांग्रेस (इंटक) के तत्वावधान में सैकड़ों ठेका कर्मियों ने गुरुवार सुबह से ही खदान का कामकाज ठप कर दिया। ठेका मजदूरों का शोषण किए जाने का आरोप लगाते हुए खदान बंदी की चेतावनी दी गई थी। आंदोलन के मद्देनजर एसईसीएल के अधिकारी और पुलिस अधिकारी आंदोलनकारियों को समझाइश देने में जुटे रहे।

संगठन अध्यक्ष अमिन मेमन ने बताया कि एसईसीएल कुसमुंडा परियोजना में लगभग सभी विभाग सीएचपी, केबल, फायर फाइटिंग, रेलवे साइडिंग, ई एंड एम एवं कांटाघरों में विभिन्न प्राइवेट कंपनी और ठेकेदारों के माध्यम से ठेका मजदूर नियोजित किया गया है। इनमें प्राइवेट कंपनी एवं ठेकेदार ठेका मजदूरों का लगातार शोषण कर रहे हैं। ठेका मजदूरों को नियमित वेतन भुगतान नहीं दिया जा रहा है। दो-तीन महीने में वेतन दिया जाता है। निर्धारित न्यूनतम वेतन रु. 940 के बदले अलग-अलग कार्य के लिए 400, 300 से लेकर 240 रुपये दिया जा रहा है। सभी मजदूरों का पीएफ नहीं काटा जा रहा है। कई ठेकेदार मजदूरों से 8 घंटे की जगह 12 घंटे काम ले रहे हैं। इसी तरह से मजदूरों के लगातार शोषण के विरुद्ध में संगठन ने एसईसीएल कुसमुंडा प्रबंधन को ज्ञापन देते हुए समस्याओं का निराकरण कराने की मांग की थी। मांग पूरा नहीं किए जाने पर 16 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी भी दी थी। इस संबंध में एसइसीएल प्रबंधन ने कोई संज्ञान नहीं लिया, नजीतन गुरुवार सुबह से ठेका मजदूर हड़ताल पर डटे हुए हैं। खदान का काम ठप हो गया है। वाहनों की कतार लग गई है। खदान का कामकाज बंद होने से प्रबंधन को भारी क्षति का अनुमान है।

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